सीबीआई ने होटलों के रखरखाव के लिए टेंडर देने में कथित अनियमितताओं के एक के तहत शुक्रवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के आवासों पर छापेमारी कर घंटो तलाशी की। तलाशी के बाद सीबीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए कैसे ये घोटाला किया था। सीबीआई ने ये खुलासा भी किया कि कैसे टेंडर के बदले लालू ने 32 करोड़ की जमीन को 65 लाख रुपये में खरीदा।
सीबीआई ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि सुजाता प्राइवेट लिमिटेड ने दो होटलों के टेंडर लेने के बदले लालू प्रसाद यादव के नाम पर जमीन दी थी। ये जमीन सीधा लालू प्रसाद यादव को ट्रांसफर नहीं की गई थी। पहले ये जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मैसर्स डिलाइट प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर की गई। 2010 और 2014 के बीच में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री नहीं थे तो ये जमीन लालू प्रसाद यादव की कंपनी मैसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी को ट्रांसफर की गई। सीबीआई ने बताया कि 32 करोड़ की जमीन को सिर्फ 65 लाख रुपये में ट्रांसफर किया गया था, इन्हीं गड़बड़ियों के चलते सीबीआई ने आज लालू प्रसाद यादव के 12 ठिकानों पर छापेमारी की है।
आपको बता दे रेलवे के दो होटल पुरी और रांची के बीएनआर होटल को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किए गए थे। इन होटलों की देखभाल करने और रखरखाव करने के लिए प्राइवेट कंपनी को लीज आउट का फैसला लिया गया। लीज आउट करने के लिए रेलवे ने टेंडर निकाले थे। ये टेंडर सुजाता प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए। जांच में पाया गया कि टेंडर देने में गड़बड़ी की गई थी और इस प्राइवेट कंपनी को लाभ दिया गया। सुजाता प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर है।