देहरादून: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने विधानसभा, सभागार में सिंचाई विभाग की बैठक की।
बैठक में सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ ने विभाग और सेवा संबंधी 28 सुत्रीय मांग रखी।
प्रमुख मांगों में कहा गया कि उत्तराखण्ड के जल विद्युत परियोजनाओं पर विशेष फोकस किया जाए।
जमरानी, साॅंग बांध, लखवाड़ परियोजना के कार्य सिंचाई विभाग से कराया जाए। बैठक में इस मांग में आश्वासन दिया गया है कि मुख्यमंत्री से वार्ता की जायेगी।
साथ ही बैठक में मांग रखी गई कि परियोजना विकास निगम-आराकोट-त्यूनी, त्यूनी प्लासो के लिए धन आवंटन किया जाए।
सिंचाई विभाग ने बैठक में विभाग की कालोनी में अवैध कब्जा तथा भवन की स्थिति जीर्णशीर्ण हाेने का मुद्दा उ़ठाया गया और अवैध कब्जा हटाने के साथ ही भवन की स्थिति ठीक की जाये ये मांग की गई।
मांग में 1843 में स्थापित राजकीय उद्योगशाला से अन्य विभाग के कार्य किये जाने की मांग रखी गई। आश्वासन में इसे पायलट प्रोजैक्ट के रूप में लाने को कहा गया है।
बैठक में सिंचाई अनुसंधान विभाग रूड़की से विभाग सहित, अन्य विभागों के कार्य की भी टेस्टिंग कार्य कराये जाने की मांग की गई।
इतना ही नहीं मांग में ये भी कहा गया है कि झीलों का अनुरक्षण सिंचाई विभाग करता है, लेकिन इसका उपयोग मत्स्य विभाग भी कर रहा है इसलिए इसका राजस्व सिंचाई विभाग को प्राप्त होनी चाहिए। इस पर आनुपतिक आधार, प्रतिशत पर राजस्व बंटवारे पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में रखी गई समस्त मांगो में सिचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सभी समस्या का सकारात्मक हल जल्द ही निकला जाएगा।