देहरादून: उत्तराखंड राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण द्वारा मत्स्य जलाशयों में मछली पालन और शिकारमाही के लिए जलाशय टेंडर आमंत्रित किया गए थे जिसमें कई कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। लेकिन विभाग द्वारा कई कंपनियों के टेंडर को टेक्निकल खामियों के चलते पहले ही निरस्त कर दिया गया था।
विभाग द्वारा निरस्त की गई कम्पनियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा ख़टखटाया और विभाग द्वारा के निरस्तीकरण काे कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वीटा एडीबल प्राेडक्टस प्रा0लि0 को ज्यादा तव्वजों दी जा रही है इसलिए कंपनियों के डाक्यूमेंट्स सही होने के बावजूद भी उनके टेंडर को निरस्त किया गया। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टेंडर प्रक्रिया में रोक लगा दी थी।
आज गुरुवार को न्यायाधीश सुधांशु धुलिया की एकल पीठ ने मामले की दोबारा सुनवाई करते हुए विभाग को फाइनेंसियल बिड खोलने के निर्देश दिए है।
आपको बता दे कि कोर्ट ने अधिवक्ता राकेश थपलियाल और पंकज चतुर्वेदी द्वारा वीटा एडीबल प्राेडक्टस प्रा0लि0 के पक्ष में दलील पेश की गयी। जिसे सही मानते हुए कोर्ट ने फाइनेंसियल बिड खोलने के निर्देश दिए साथ ही विभाग को निर्देश दिए कि निरस्त की गई दो कंपनियों श्री बाला जी हर्बाे लैब्स और मेसर्स सक्षम इण्टरप्राईजेज को भी टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया जाये।