मंयक की रिपोर्ट
समेरू इंफ्रास्ट्रक्चर…आलिशान फ्लेट्स के साथ बहुत जल्द अपने पूर्ण स्वरूप में आ रहा है। कई बड़े अखबारों के फ्रंट पेज पर प्रचार प्रसार भी खूब किया जा रहा है। लोगों को लुभाने का पूरा प्रयास समझिये चरम पर है। यानी जनता की गाडी कमाई को ठिकाने लगाने का पूरा इंतजाम जोरों पर है। यह बात हम तमाम दस्तावेजों को आधार बनाकर लिख रहे हैं जो हमें हासिल हुए हैं। दरअसल, देहरादून के बड़ोवाला में लगभग 1300 बीघा में समेंरू इंफ्रास्ट्रक्चर नाम से फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
लेकिन दस्तावेजों से पता चला हैं कि इसकी करीब 300 बीघा जमीन आसन नदी के दायरे में आती है। बता दें कि यह इलाका आपदा क्षेत्र में आता है, जिसके लिए हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट और एनजीटी ने आदेश दिये हैं कि नदी के 200 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। बावजूद इसके समेरू इंफ्रास्ट्रकचर की 300 बीघा जमीन आसन नदी के दायरे में आ रही है और जिसमें निर्माण कार्य धड्डले से चल रहा है। जो कि साफ- साफ कोर्ट और एनजीटी के नियमों का उल्लखंन है।
इसके साथ ही 2014 में एक जीओ भी शासन द्वारा निकाला गया था। जिसमें नदी के 200 मीटर के दायरे के अंतरगत कोई भी निर्माण कार्य करने पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन जीओ की परवाह किये बगैर समेरू इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार कार्य जारी रखे हुए है। जिससे भविष्य में समस्या पैदा होती दिख रही है। जिन लोगों को यह फ्लैट बेचे जाएगें, उन लोगों को आने वाले भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि यह आपदा क्षेत्र है और ऊपर से नदी के समीप है।
यह बात अब समझ से परे है कि शासन प्रशासन सब कुछ देख के भी क्यों मौन है औऱ कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है। बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली ने एक साल पहले मुख्य सचिव को इस मामले से अवगत करवाया था। लेकिन हालात आज एक साल भी जैसे के तैसे हैं। बता दें कि हाल ही में एडीएम हरबीर सिंह द्वारा एक दस लोगों की टीम बनाकर भूमि का निरिक्षण भी करवाया गया। लेकिन रिपोर्ट का खुलासा अब तक नहीं हुआ है।
एडीएम हरबीर सिंह से जब हमने रिपोर्ट के बारे में जानना चाहा तो उन्होनें कहा कि वे इस समय विधानसभा सत्र में व्यस्थ हैं ,जिस कारण उन्हें अभीतक रिपोर्ट नहीं पड़ी है। विधानसभा खत्म होते ही वे रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे औऱ फिर उचित कार्यवाही करेंगे।
वहीं इस मद्दे पर मोर्चा खोले हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव आजाद अली का कहना है कि जल्द ही अगर प्रशासन ने इस कार्यवाही करते हुए समेरू इंफ्रास्ट्रकचर को सील नही किया तो वे हाईवे जाम कर मुख्यमंत्री तक से इस मुद्दे पर जवाब मांगेगे। उनका कहना है कि समेरू इंफ्रास्ट्रकचर के खिलाफ सारे दस्तावेज उनके पास है, इसलिए इन फ्लेटों को वे किसी भी हालत में नहीं बनने देंगे।
अब देखना होगा कि प्रशासन और शासन इस पर कितनी जल्दी हरकत में आता है। वैसे भी अब ये बात उठी है तो दूर तलक जाएगी।