नैनीताल: हाइकोर्ट ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नजदीकी मित्र उद्योगपति संजय नारंग के चर्चित ‘डहलिया बैंक’ लंढौर मसूरी स्थित भवन के मामले को निस्तारित कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश के0एम जोसेफ़ और न्यायमूर्ति वी0के बिष्ट की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। काेर्ट ने भवन में निर्मित पूल व पॉन्ड के मामले में कैंट बोर्ड द्वारा दिये गए नोटिस को निरस्त करते हुए कहा कि इस संबंध में याचिका कर्ता को सुनवाई का मौका दिया जाये। जबकि अन्य निर्माण के मामले में अपील को खारिज कर नारंग को झटका दिया है।
बता दे कि संजय नारंग ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर 6 नवम्बर 2014 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें संजय नारंग की ओर से किये गए लगभग 28 हजार स्क्वायर फीट निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे।
याचिकाकर्ता का कहना था कि उसके द्वारा जो भी निर्माण कार्य किया गया है वह स्वीकृत होने के बावजूद ध्वस्तीकरण का नोटिस नियमाविरुद्ध दिया गया था। साथ ही याचिका में लिखा गया था कि ध्वस्तीकरण के आदेश से पहले याची को कोई नोटिस नहीं दिया गया।
पूर्व सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया था। उक्त आदेश के विरुद्ध याची ने विशेष अपील दायर की थी जिसमें आज सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश के0एम जोसफ और न्यायाधीश वी0के बिष्ट की खंडपीठ ने पुल और पॉन्ड को छोडकर अन्य निर्माण के सम्बंध में दिए गए ध्वस्तीकरण के आदेश सही मानते हुए विशेष अपील को खारिज कर दिया जबकि पूल व पॉन्ड के सम्बंध में पुनः सुनवाई करने के आदेश कंटोनमेन्ट बोर्ड को दिए।