पिछले करीबन 3-4 साल से कागजों में अटकी संस्कृत भाषा में चैनल खोलने की मांग अब साकार होती दिख रही है। संस्कृत अकादमी की ओर से चैनल की डीपीआर के लिए निविदाएं मांगी गई हैं। चैनल अपने 24 घंटे के कार्यकर्मों में प्रदेश के चारों धामों सहित सभी धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना का सीधा प्रसारण करेगा। साथ ही साथ वेद,पुराण और धार्मिक विषयों पर भी कई प्रोग्राम चलाये जाएगें । हालांकि पिछली कांग्रेस सरकार में भी इसको लेकर संस्कृती विभाग ने रूपरेखा तैयार कर सरकार को दिखाई थी लेकिन कांग्रेस सरकार की इस टीवी चैनल को लेकर उदासीनता के कारण लाइसेंस नहीं मिल पाया।
चैनल के बजट का अनुमान लगभग 30 करोड लगाया जा रहा है। जिसको पूरा करने के लिए हरिद्वार से कई साधु-संतो ने पैसा देना की बात कही है। खबर है कि बाबा रामदेव से भी इस चैनल में सहयोग देने के लिए बात चल रही है। हालांकि निविदा की प्रकिया पूरी होने के बाद चयनित एजेंसी को डीपीआर बनाने का जिम्मा दे दिया जाएगा। डीपीआर से चैनल की लागत का आंकलन होने के बाद प्रस्ताव सचिव समिति की बैठक में आएगा और इसके बाद इस पर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी।
चैनल का उद्देश्य संस्कृत भाषा का प्रचार- प्रसार करने के साथ ही नयी पीढ़ी को धार्मिक और आध्यात्मिक बनाना है।