बाबा गुरमीत राम रहीम को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के बाद एक तरफ न्यायलय ने राम रहीम को उसके किए की सजा सुनाई है। वहीं देश द्रोह और हत्या के आरोपी संत रामपाल की सजा भी न्यायलय ने बरकरार रखी है। हालांकि उनके दो केसों में न्यायालय ने संत रामपाल को बरी कर दिया है।
आज हरियाणा में हिसार की एक अदालत ने लोगों को बंधक बनाने और पुलिस पर हमला करने के मुकदमे से भले ही संत रामपाल को राहत दी हो लेकिन उन पर देशद्रोह और हत्या सहित आठ मुकदमे अभी चलते रहेंगें।
रामपाल पर हत्या का मामला क्यों?
2006 में रामपाल ने एक धार्मिक किताब पर टिप्पणी की थी। इसके बाद रामपाल समर्थकों और उस वर्ग के समर्थकों में हिंसक झड़पें हुई। एक महिला की मौत हो गई थी। बाद में रामपाल को गिरफ्तार किया गया। वो करीब 22 महीने जेल में रहे। ये केस रामपाल पर चल रहा है।
2014 में कोर्ट ने कई समन भेजे पर रामपाल पेश नहीं हुए। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए।
देशद्रोह का केस क्यों?
जब रामपाल कोर्ट में पेश नहीं हुए तो पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने कई दिन की मशक्कत के बाद उन्हें अरेस्ट किया। इस दौरान रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। गिरफ्तारी के बाद रामपाल पर सरकारी काम में दिक्कत पैदा करने, लोगों को बंधक बनाने और देशद्रोह का केस दर्ज किया। रामपाल के आश्रम से कई आपत्तिजनक चीजें भी बरामद की गई थीं।