शुक्रवार को रावत कैबिनेट ने जैसे ही 64 स्टेट हाइवे को डिस्ट्रिक रोड में तब्दील किया उसके बाद कांग्रेसिओ को बैठे बिठाए एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया। दरअसल 40 फीसदी शराब की दुकाने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते प्रभावित हो रही थी लेकिन स्टेट हाइवे के जिला मार्ग घोषित होने के बाद अब इन 40 फीसदी दुकाने फिर से बहाल हो जाएगी। कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने कैबिनेट के फैसले के बाद रावत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि रावत सरकार शराब की दुकानों को स्टेट हाई वे और नेशनल हाई वे से 500 मी. दूर हटाने के सुप्रीप कोर्ट के फरमान का शराब की दीवानी उतराखण्ड राज्य सरकार ने एक हास्यास्पद तोड़ निकाल लिया है, राज्य सरकार ने अपने स्टेट हाई वे को बदलकर जिला सड़क के नाम से बदल दिया है। पिछली सरकारों में जिला मार्ग को राज्य मार्ग घोषित करवाने में करोड़ों रुपये खर्च हुए थे, जो राज्य योजना और केंद्र पोषित योजनाओं की अधिकाँश धनराशि स्टेट हाइवे में खर्च होती है, अब इन मार्गों को जिला मार्ग बना दिया गया है तो इनके रखरखाव के लिए सरकार किस मद से धनराशि अवमुक्त करेगी इस पर सरकार की ओर से कुछ स्पष्ट नही किया गया है.. बहरहाल अब इन सड़कों के किनारे शराब की दुकाने खोली जा सकेंगी। राज्यों ने अब खून के जुर्म में फंसे राम सिंह का नाम बदलकर श्याम सिंह रखकर उसे खून के अपराध से क्लीन चिट दे दिया है , उत्तराखण्ड राज्य हमारी माता बहिनो की देन है, यह राज्य मातृ शक्ति के संघर्ष पर मिला है, माता बहिनो की मांग है कि शराब बन्द हो जानी चाहिए, जब बिहार जैसे राज्य में शराब बंदी सफल हो सकती है तो देवभूमि उत्तराखण्ड में क्यों नही, जनता ने मोदी जी के नाम पर वोट दिया था, अब मोदी जी राज्य सरकार को निर्देशित करें और शराब और प्रचण्ड जीत के नशे में धुत राज्य सरकार को सद्बुद्धि दे.