कश्मीर: बीजेपी और पीडीपी की जम्मू-कश्मीर सरकार की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि राज्य को मिले विशेषाधिकारों पर लगातार हमले ठीक नहीं है और इन पर कोई समझौता नहीं हो सकता है। संवैधानिक दर्जे से छेड़छाड हुई तो कश्मीर में कोई गिरे हुए तिरंगे को उठाने वाला भी नहीं मिलेगा।
कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे को निरस्त करने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करते हुए उन्होंने कहा, कुछ लोग हमारे झंडे के बारे में बातें कर रहे हैं, तो कभी अनुच्छेद 370 के बारे में बातें करते हैं। जो हमारे राज्य के लोगों को बेहद अजीज है और वह राज्य की अनोखी पहचान को बनाए रखने में मददगार है।
महबूबा मुफ्ती ने ये बातें तब कहीं जब वो आर्टिकल 35 ए को खत्म करने के लेकर कोर्ट में दी गई याचिका पर बोल रही थीं। 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर के विधायकों और सांसदों को कई खास सहूलियतें मिलती हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान में खास अधिकार हैं और हमें कश्मीर मुद्दे को सुलझाने की जरूरत है ना कि विशेषाधिकारों पर हमला कर मामले को और ज्यादा उलझा देने की।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की, लेकिन कहा कि उनके लिए ‘भारत का मतलब इंदिरा गांधी’ हैं। राष्ट्रीय राजधानी में कश्मीर से संबंधित एक कार्यक्रम के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि टेलीविजन के प्राइम-टाइम में जिस तरह के भारत को दिखाया जा रहा है उससे वह निराश हैं, क्योंकि यह भारत तथा कश्मीर के बीच की खाई को गहरा करता है।
वही हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए पीडीपी के प्रवक्ता मिर्ज़ा महबूब बेग ने कहा कि महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर के संविधान और वहा के हक की बात करी है जो बिलकुल जायज है। आज कल जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकारों और वहा की जनता को लेकर जो खबरे और बातें मीडिया चैनलस में हो रही है उससे वहा की आम जनता काफी आहत है।
जम्मू-कश्मीर के विशेषाधिकारों को लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पैंथर पार्टी के संस्थापक प्रोफेसर भीम सिंह ने हैलो उत्तराखंड को बताया की जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा कुछ समय के लिए ही दिया जाना था जो की संविधान में लिखा हुआ है लेकिन 70 सालों हो गये अब तक वो विशेष दर्जा कायम है जो अब ख़त्म हो जाना चाहिए। इस अधिकार को खत्म न करने की दोषी पूर्ण तह दिल्ली में बेठी सरकार है। उन्होंने कहा हम भारत देश के नागरिक होते हुए भी हमारे लिए अलग संविधान, अलग झंडा है जो नही होना चाहिए।