लोगों की जान को जोखिम, फिर भी बिजली विभाग को नहीं इस बात की परवाह

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हमेशा से ही अपनी लापरवाहियों के चलते सुर्खियों में बने रहने वाले उर्जा विभाग ने तो अब अपनी हद ही पार कर ली है। हालात यह हैं कि तमाम शिकायतें मिलने के बाद भी विभाग लोगों की जान को जोखिम में डाले हुए है।

मामला राजधानी देहरादून के तिलवाड़ी-बद्रीपुर का है जहां मकानों के उपर हाई टेंशन लाइन लोगों के लिए मौत का अड्डा बनी हुई हैं। लेकिन स्थानीय लोगों ने इस बाबत विभाग व कई मंत्रियों तक अपनी परेशानियां रखीं लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं विभाग द्वारा की जा रही बेरूखी को देखते हुए मकान मालिक ने स्वयं ही बल्लियां लगाकर अपने घर को व अपने आप को सुरक्षित किए हुए है। लेकिन इतने सालों बाद इस जुगाडु सुरक्षा पर भला कब तक कोई कैसे रह सकता है।

हीं हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए यूपीसीएल निदेशक (संचालन) अतुल अग्रवाल ने बताया कि हाई टेंशन लाइन को सही करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम राहत कोष से पैसा दे दिया है। 2-3 दिन बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

इस मामले पर विभाग द्वारा कोई भी कदम न उठाने पर मुख्यमंत्री को ही इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ी और इसका कार्य शुरू करवाने के लिए अपने राहत कोष से कार्य को शुरू करवाने को कहा।

लेकिन सोचने वाली बात यह है कि इस पोल को 2013 से ऐसे ही जुगाडू स्थिति में अटकाया गया और अब जाकर शासन-प्रशासन इस पर कार्य शुरू करवाने जा रहा है। जबकि यह क्षेत्र सीएम त्रिवेंद्र रावत की विधानसभा क्षेत्र में ही आता है। इस मामले से तो अभी तक यह साफ नजर आ रहा है कि विभागीय अधिकारियों को लोगों की जान की कोई परवाह नहीं। हालांकि अब देखना होगा कि इस मसले को कब तक निपटाया जाएगा।

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