उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति 6 महीने के लिए लटक गई है…..
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड की सरकार को लोकायुक्त कानून में बदलाव लाकर 6 महीने के अंदर लोकायुक्त नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्य सरकार के निवेदन को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है।
उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताते हुए कहा कि लोकायुक्त बिल को लेकर कुछ संसोधन किए है जिसके बाद यह बिल अगले विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। सत्र में बिल को पास कराके लोकायुक्त की नियुक्ति भी कर दी जाएगी। क्योंकि अगला विधानसभा सत्र 6 महीने के बाद होगा इसलिए अभी इसमें 6 महीने का समय लगेगा।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार को लोकायुक्त की नियुक्त करने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है ।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते समय यह आदेश दिया।
याचिका में कहा गया कि लोकायुक्त को लेकर उत्तराखंड का अधिनियम बेहद अच्छा है और वर्ष 2011 में विधानसभा में सर्वसम्मति से इससे संबंधित विधेयक पारित हुआ था। याचिका में उत्तराखंड में उपयुक्त की नियुक्ति जल्द करने की गुहार की गई है।
मालूम हो कि वर्ष 2013 से राज्य में लोकायुक्त का पद रिक्त है।
राज्य में 700 से अधिक भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें लंबित हैं। उत्तराखंड के इस अधिनियम में लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री और सरकारी नौकर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक और सेवानिवृत्त सरकारी नौकर भी इसके दायरे में होंगे। इसके तहत दोषियों को उम्रकैद की सजा और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। अब इंतजार है तो बस अगले सत्र का………लेकिन याद हो कि बीजेपी ने चुनाव के दौरान 100 दिनों के भीतर लोकपाल लाने का वादा किया था…..