लुट रहा प्रदेश – CAG ने पकड़ी 461.81 की गड़बड़ – कांग्रेस कटघरे में

Please Share
लुट रहा प्रदेश – CAG ने पकड़ी 461.81 की गड़बड़ – कांग्रेस कटघरे में 1 Hello Uttarakhand News »

उत्तराखंड देवभूमि के कई सरकारी विभागों की लापरवाही पर सीएजी रिपोर्ट से पर्दा उठ गया है। 31 मार्च 2016 को समाप्त हुये वित्तीय वर्ष से जुड़ी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई । भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक ने राज्य सरकार के वित्त एवं कार्यप्रणाली के ऑडिट में करीब 461.81 करोड़ रुपये की अनियमितता पकड़ी है। ये राशि विभागों के सैंपल ऑडिट में सामने आई है।

रिपोर्ट के कई पहलू ऐसे हैं जिनसे सरकारी विभागों की मनमानी पर दूध का दूध और पानी का पानी हो रहा है। कैग रिपोर्ट ने साबित किया कि उत्तराखंड के सरकारी महकमे कही इतने उदासीन हैं कि तमाम विकास की योजनाओं के लिए केंद्र से मिली धन राशि को वाजिब तरीके से खर्च करने का प्लान तक नहीं बना पाते। तो कहीं इतने चुस्त हैं कि संस्थाओं को जरूरत से ज्यादा भुगतान कर देते हैं।

कैग ने ऑडिट में पाया कि प्रदेश सरकार ने खुले बाजार से 7.96 प्रतिशत ब्याज दर पर उधारी को निगमों और सहकारी संस्थाओं में निवेश किया मगर इसका रिटर्न न के बराबर रहा।

जी हां उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के दौरान 2 मई को कैग की 31 मार्च 2016 को समाप्त हुये वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट पेश की गई। सदन में पेश की गई रिपोर्ट जब सार्वजनिक हुये तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुये। हैरानी हो रही है कि प्रधानमन्त्री की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का बजट खर्च करने में भी उत्तराखंड का महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग फिसड्डी साबित हुआ। कई ऐसे विभाग हैं, जिनकी लापरवाही से करोड़ों के राजस्व को चूना लग गया।

सदन के पटल पर रखी गई कैग रिपोर्ट में शिक्षा महकमे से लेकर स्वास्थ्य महकमे तक और पर्यटन से लेकर शहरी विकास विभाग समेत महिला बाल विकास और स्टांप महकमे तक की लापरवाहियों को उजागर किया।

आइये नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ अहम तथ्यों पर

  • शिक्षा विभाग ने आरटीई के मानकों को ताक़ पर रखा, स्कीम के तहत 7 करोड़ की धनराशि नहीं हो पाई इस्तेमाल

  • 19 लाख की धनराशि अयोग्य संस्थानों को रिलीज की गई

  • छात्रों की उपस्थिति जांचे बिना 45 लाख की धनराशि बांटी गई

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना पर भी सीएजी का खुलासा, गिरते लिंगानुपात को रोकने का उद्देश्य नहीं हुआ पूरा

  • केन्द्र से मिले 77 लाख में सिर्फ 20 लाख हुए रिलीज

  • महिला सशक्तिकरण विभाग ने 20 लाख में से सिर्फ 90 लाख किये खर्च

  • निर्भया योजना के तहत दो वर्षों में 1 करोड़ में से सिर्फ 23 लाख खर्च

  • स्टाम्प शुल्क क्रियान्वयन में लापरवाही के चलते 35 करोड़ राजस्व का नुकसान

  • जेएनयूआरएम के तहत 21 में से सिर्फ 6 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हुये पूरे

  • 17 करोड़ का खर्च शहरी विकास विभाग ने किया निरर्थक

  • पर्यटन विकास परिषद ने 20 करोड़ की धनराशि का यूज़ बदला गया

  • देहरादून के स्वास्थ्य विभाग ने 06 करोड़ दवा खरीद पर अधिक खर्च किये गये

कैग की इस रिपोर्ट ने जहां प्रदेश के सरकारी तंत्र की पोल खोल दी है तो वहीं हमारे चुने हुए नेताओं की प्रदेश के विकास के प्रति उदासीनता को भी उजागर किया है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर खामोश है, क्योकि ये रिपोर्ट कांग्रेस के ही कार्यकाल की है।

नई सरकार से उम्मीद है कि वह इन रूके हुए कार्यों को प्राथमिकता में ले और प्रदेश की जनता के अनुरूप विकास की गती को नई रफ्तार दे।

You May Also Like

Leave a Reply