देहरादून: गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक तीन माह में एक बार पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय रेलवे सुरक्षा व्यवस्था समिति की बैठक तथा पुलिस अधीक्षक, जीआरपी, आरपीएफ, NER एवं NRएवं वन विभाग के अधिकारियों के मध्य माह में एक बैठक आयोजित की जायेगी। राजधानी दून में सोमवार को उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक अनिल के रतूड़ी की अध्यक्षता में राज्य रेलवे सुरक्षा व्यवस्था समिति की एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गयी। बैठक में रेलवे स्टेशनों की सुरक्षाओं से जुड़े मुद्दों पर निर्णय लिया गया।
रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा में निम्न बिंदुओं पर निर्णय लिया गया
हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी, बैगेज स्केनर, गुड्स स्केनर, डीएफएमडी की पर्याप्त व्यवस्था किये जाने का भी निर्णय लिया गया। ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की सहायता हेतु जारी हेल्प लाइन नम्बर-182 का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाये। टप्पेबाजी, जहरखुरानी गतिविधियों में सक्रिय एवं पेशेवर अपराधियों का चिन्हीकरण कर उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही की जाये। रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा हेतु अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना/सुरक्षा की अध्यक्षता में आरपीएफ, जीआरपी, अभिसूचना विभाग एवं स्थानीय पुलिस द्वारा संयुक्त रुप से रेलवे स्टेशनों का वार्षिक सुरक्षा ऑडिट किये जाने का भी निर्णय लिया गया। रेलवे ट्रैकों पर जंगली जानवरों के ट्रैक पर आने की सम्भावना वाले स्थानों का चिन्हीकरण कर ऐसे स्थानों पर वन विभाग से समन्वय स्थापित कर संयुक्त पट्रोलिंग की जाये। रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का परीक्षण कर लिया जाये तथा खराब सीसीटीवी कैमरों को सही कराया जाये तथा उनका रख-रखाव सुनिश्चित किया जाये। ट्रेनों में चलने वाले एस्कार्ट के सम्बन्ध में जीआरपी एवं आरपीएफ समन्वय स्थापित कर उनकी आवश्यकताओं व उपयोगिता के आधार पर संचालित किया जाये। महिला सुरक्षा हेतु रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी एवं आरपीएफ से महिला कर्मियों को नियुक्त किया जाये। जीआरपी व आरपीएफ समन्वय स्थापित कर आपराधिक तत्वों के सम्बन्ध में सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। रेलवे प्लेटफार्म व ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था जीआरपी व आरपीएफ आपसी समन्वय से सुदृढ़ करें।