प्रदेश को रीजनल कनेक्टिविटी से जोड़कर सभी जनपदों के लिए हवाई सेवा की शुरुआत करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ए0ए0आई) के साथ एमओयू साइन किया है, जिसमे मुख्य सचिव एस.रामास्वामी और ए0ए0आई के महाप्रबंधक अनिल गुप्ता ने हस्ताक्षर किए है।
आपको बता दे की हरीश सरकार ने यूकाडा के साथ मिल कर इसी रीजनल कनेक्टिविटी से प्रदेश को जोड़ने के लिए सभी नियमो को ताक पर रखकर, इंडिया फ्लाई सेफ एविएशन लिमिटेड को रीजनल कनेक्टिविटी का टेंडर दिया था।
जिसमे डी0जी0सी0ए के सभी नियमो को दरकिनार कर पूर्व सरकार ने अपने ही नियमो के तहत सभी काम शुरू कर दिए थे जिसे अब बीजेपी सरकार ने निरस्त कर, नियमों के अनुसार एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर करार किया है।
करार में हस्ताक्षर के बाद अब उत्तराखंड में नागरिक विमानन अवसंरचना का विकास करने के लिए, ए0ए0आई और यूकाडा दोनों साथ मिल कर काम करेंगे।
एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ए0ए0आई), एक ऐसा संगठन है जो सिविल एविएशन अवसंरचना का उन्नयन, रखरखाव और प्रबंधन करता है। ए0ए0आई देश के 125 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है।
एमओयू के कारकों में परियोजनाओं के विकास के लिए साइट संबंधित तकनीकी और इंजीनियरिंग मापदंडों का मूल्यांकन करना और पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाने के साथ ही राज्य में मौजूदा और भविष्य के नागरिक उड्डयन अवसंरचना के लिए मास्टर प्लान और भविष्य की परियोजनायें बनाना शामिल है।
पिथौरागढ़ में उच्च स्तरीय हवाई अड्डे को शुरू करने और बाद में चिनीलियासुर में एयरक्राफ्ट परिचालनों के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ए0ए0आई की सहायता यूकाडा भी करेगी।
एस0रामास्वामी ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर परिचालन हवाई अड्डों की काफी समय से लामवत आवश्यकता को पूरा करने का संकल्प किया है। इन हवाई अड्डों और हवाई सेवा के परिचालन से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
रीजनल कनेक्टिविटी के लिए एक अहम पहल की शुरुआत तो हो चुकी है लेकिन अब देखना ये होगा की पहले से ही नियमों को ताक में रखने वाला यूकाडा कितनी ईमानदारी से इस काम को पूरा करता है।