देश के अगले १४वें राष्ट्रपति के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है, मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच है। आज संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे।
वही वोटों की गिनती 20 जुलाई को दिल्ली में होगी, जहां सभी बैलेट बॉक्स लाए जाएंगे, और इसी दिन नतीजों का भी ऐलान होगा। बता दे कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो जाएगा।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए उत्तराखंड में सतपाल महाराज ने सबसे पहले विधानसभा भवन में मतदान किया। बिहार के आरजेडी विधायक विरेंद्र कुमार सिन्हा ने भी देहरादून स्थित विधानसभा भवन में मतदान किया।
उत्तराखंड में मतदान में कुल 71 विधायक अपना मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिसमें 70 विधायक तो उत्तराखंड के ही हैं, वहीं विहार के एक विधायक विरेंद्र कुमार सिन्हा भी दून में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
सिन्हा ने इस संबंध में केंद्रीय निर्वाचन आयोग से पटना के बदले देहरादून में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। आयोग ने उनको अनुमति प्रदान कर दी है।
इस बार हो रहे राष्ट्रपति चुनाव काफी दिलचस्प है -बिहार के महागठबंधन में साथ जेडीयू और आरजेडी ने अलग-अलग उम्मीदवारों को वोट करने का फैसला किया है। जेडीयू जहां बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद का समर्थन कर रही है वहीं आरजेडी ने मीरा कुमार के समर्थन का फ़ैसला किया है। समाजवादी पार्टी भी इस मामले में बंटी नज़र आ रही है।
समाजवादी पार्टी सांसद विपक्ष के साझा उम्मीदवार के समर्थन वाली बैठक में तो मौजूद थे लेकिन कुछ दिन पहले शिवपाल यादव ने साफ कर दिया कि उनका वोट रामनाथ कोविंद को जाएगा। मुलायम भी कोविंद को ही समर्थन कर सकते हैं।
यह दूसरा मौका होगा जब देश का कोई राष्ट्रपति दलित समुदाय से होगा। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायणन दलित समुदाय से थे।
इस बार एक विशेष सीरियल नंबर वाले पेन और स्याही के जरिए निर्वाचक मंडल के सदस्य वोट डालेंगे इस बार सदस्यों को दूसरा कोई और पेन वोटिंग चैंबर के अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होगी। 2016 में हुए राज्यसभा सीटों के चुनाव के दौरान हरियाणा में हुए एक विवाद के बाद चुनाव आयोग ने इस विशेष पेन का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में भी इसका प्रयोग होगा।
राष्ट्रपति चुनाव में कुल 4896 वोटर हैं, जिसमें 776 सांसद हैं जबकि 4120 विधायक हैं। खास बात यह है कि इस बार मध्यप्रदेश के बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा को आयोग्य ठहराए जाने की वजह से अब कुल वोट 4895 ही रह गया है। राष्ट्रपति चुनाव में कुल पड़ने वाले वोटों की संख्या दस लाख 98 हज़ार 903 है।
एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को 63 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है।
कैसे होती है वोटों की गिनती
– सांसदों को वोटिंग के लिए हरा और विधायकों को गुलाबी मतपत्र दिया जाता है।
– मतपत्र में सांसद और विधायक राष्ट्रपति को क्रम के अनुसार चुनते हैं।
– अगर तीन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हों।
– इसमें सांसद-विधायक तीन पर अपना क्रम डालते हैं… 1, 2, 3
– अब देखा जाता है कि कौन सबसे ज़्यादा पहली पसंद है।
– जो पसंद में तीसरे नंबर पर होता है उसे बाहर कर दिया जाता है।
– तीसरे नंबर पर रहने वाले के वोट को पहले और दूसरे उम्मीदवारों में बांट देते है।
– जिसे 51 फ़ीसदी मत मिलते हैं उसकी जीत होती है।