राज्य सरकार को कोर्ट ने दिया जबरदस्त झटका..

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राज्य सरकार को कोर्ट ने दिया जबरदस्त झटका.. 2 Hello Uttarakhand News »

नैनीताल- उत्तराखंड राज्य सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने बदरी-केदार मंदिर समिति को भंग करने के आदेश को एक बार फिर निरस्त करते हुए पुरानी समिति को बरकार रखने के निर्देश दिए है।

न्यायधीश  सुधांशु धुलिया की एकलपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने और बद्री केदार मंदिर समिति एक्ट का सेक्शन 5,11 और 11 (2) का अवलोकन करने के बाद सरकार के एक अप्रैल और आठ जून के आदेश को एक्ट के विरुद्ध बताते हुए सरकार के समिति भंग करने के आदेश को ख़ारिज कर दिया।

बता दे कि मंदिर समिति के सदस्य और याचिकाकर्ता दिवाकर चमोली व दिनकर बाबुलकर ने उच्च न्यायालय में सरकार द्वारा समिती भंग करने के खिलाफ याचिका दायर की थी । याचीकाकर्ता ने सरकार पर असंवैधानिक तरीके से समिती को भंग करने का आरोप लगाया था।याचिकाकर्ता ने याचिका में लिखा था कि  भाजपा सरकार ने बिना किसी कारण के बद्रीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति को राजनीतिक दुर्भावना के तहत भंग कर दिया और मंदिर समिति में प्रशासक नियुक्त कर दिया।

ज्ञात हो पूर्व में सरकार ने एक अप्रैल 2017 को पहली बार बद्री-केदार समिति को भंग कर सचिव धर्मस्व शैलेश बगौली को प्रशासक बनाया था।  जिसे पूर्व में कोर्ट ने मंदिर समिति एक्ट 1939 का सेक्शन 11(अ) के विपरीत मानते हुए सरकर के आदेश पर रोक लगाते हुए मंदिर समिति को बहाल कर दिया था साथ में सरकार को यह आदेश दिए थे कि वे बद्री केदार मंदिर समिति एक्ट 1939 के आधार पर उचित निर्णय ले।

लेकिन सरकार ने 8 जून 2017 को पुनः एक्ट  का संज्ञान लेते हुए मंदिर समिति को भंग कर दिया था। जिसको मंदिर समिति के सदस्यों ने पुनः हाईकोर्ट में चुनोती दी थी। और एकलपीठ ने मंदिर समिति को पुनः बहाल कर दिया था।

बहरहाल 15 जून 2017 के एकलपीठ के आदेश को सरकार ने  हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच में चुनौती दी थी लेकिन डिवीज़न  ने  एकलपीठ के आदेश को सही ठहराते हुए एकलपीठ को निर्देश दिये थे कि वह इस मामले में शीघ्र सुनवाई करें।

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