द्वाराहाट अल्मोंड़ा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां आंदोलनरत राज्य आंदोलनकारियों ने मांग पूरी न होने पर पहले तो बवाल खड़ा कर दिया और फिर बाद में मनाने आए एडीएम व एसडीएम को कमरे में बंद कर लिया हालाँकि कमरे में आन्दोलनकारी भी मौजूद रहे और उनकी मांग को मानने के बाद ही उनको जाने दिया गया।
हम आपको बता दें कि जिला अल्मोड़ा द्वाराहाट के तमाम राज्य आंदोलनकारी सम्मान का दर्जा पाने की मांग को लेकर कई दिनों से नगर पंचायत सभागार में भूखहड़ताल पर बैठे हैं। वहीं जब एडीएम केएस टोलिया व एसडीएम वहां पहुंचे तो आंदोलनरत उनसे नाराज हो गए क्यूंकि डीएम सविल बंसल को वहां पहुंचना था। लेकिन उन्होंने एडीएम को वहां वार्ता के लिए भेज दिया।
वहीं एडीएम ने जब आंदोलनकारियों की दोबारा जांच की बात की तो आंदोलनकारी उन पर भड़क गए। इस दौरान आंदोलनकारियों की एडीएम से बहस भी हुई । इस दौरान जिस कमरे में आंदोलनकारियों से उनकी वार्ता हो रही थी उस कमरे को आंदोलनकारियों ने अंदर से बंद कर दिया और जब तक मामले पर उन्हें आश्वाशन नहीं मिला तब तक सभी कमरे में ही रहे.
वहीं इस बाबत हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए राकेश शर्मा आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि आंदोलनकारियों से 16 दिन का समय मांगा गया है। इन 16 दिनों के अंतर्गत आंदोलनकारियों की मांग को पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि उनसे जब पूछा गया कि क्या वार्ता के दौरान एडीएम को कमरे में बंद किया गया? तो उन्होंने इस बात को नकार दिया और कहा कि जब एक ही चटाई में बैठकर अधिकारी और आंदोलनकारी वार्ता कर रहे हों तो कैंसे इस प्रकार की घटना घट सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार आंदोलनकारियों ने एडीएम व एसडीएम को करीब रात के 8 बजे तक कमरे में ही बंद रखा । हालांकि इस बात को अधिकारी लोग मानने से इंकार कर रहे हैं। लेकिन आए दिन ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जिसमें ग्रामिणों द्वारा व आंदोलनकारियों द्वारा अधिकारियों को बंधी बनाया गया ।
लेकिन जिस प्रकार आंदोलनकारियों की मांग पूरी नहीं की जाती हैं और उनके प्रति सरकार की बेरूखी नजर आती है तो ऐसे में अधिकारियों को इसके प्रति अपनी आदत बना लेने चाहिए।