सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में सुनवाई करते हुए कहा है कि फेसबुक और व्हाट्सऐप उपभोक्ताओं का डाटा किसी तीसरी पार्टी को ट्रांसफर न करे। सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते में फेसबुक और व्हाट्सऐप को इस मसले में विस्तृत हलफनामा कोर्ट में दर्ज करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 28 नवंबर को तय की गई है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि भारत में डेटा संरक्षण के मुद्दे पर विचार-विमर्श करने वाली एक समिति की स्थापना पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में बनाई गई है और इसकी रिपोर्ट आने के बाद एक कानून डेटा संरक्षण के लिए बनाया जा सकता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में व्हाट्सऐप प्राइवेसी मामले की सुनवाई 5 जजों की संवैधानिक पीठ को सौंपने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ये सुनिश्चित करना चाहती है कि फेसबुक और व्हाट्सऐप किसी भी उपभोक्ता का डाटा थर्ड पार्टी तक न पहुंचाए। इस वजह से कोर्ट ने व्हाट्ऐप को ये हलफनाम पेश करने को कहा है।
इससे पहले व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया शेठी ने दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी जिसमें फेसबुक और व्हाट्सऐप को अपनी पॉलिसी में बदलाव करने को कहा था।
याचिका में कहा गया था कि नई पॉलिसी लागू करना पूरी तरह से यूजर्स की प्राइवेसी का हनन है। दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट से खारिज होने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और व्ट्सऐप को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 5 जजों की संवैधानिक पीठ को सौंपने का आदेश दिया।
दरअसल सितंबर 2016 में व्हाटसऐप की नई पॉलिसी आई थी जिसके तहत वट्सऐप यूजर्स का डाटा का इस्तेमाल फेसबुक अपने व्यवसायिक फायदे के लिए कर सकता है।