देहरादून: मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने एक निजी चैनल को बयान देते हुए कहा है कि क्या मैं धरने पर बैठ जाता। मैंने पीएम से मिलने के लिए 1 साल पहले मिलने का वक्त मांगा था जो उन्होंने नहीं दिया।जीएसटी में कई खामिया हैं लेकिन हमारी बात कोई सुनने को तैयार नहीं हैं।
वहीं यशवंत के बेटे के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि ये बेटे और पिता की सहमति और असहमति का सवाल नहीं है बल्कि ये सवाल है अर्थव्यवस्था का। इसमें मेरी कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। बेटे ने सरकार हित में काम किया और मैंने देश हित में।
दरअसल, एक लेख के बाद सुर्खियों में आए पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा आज पहली बार मीडिया के सामने आए और मोदी सरकार पर हमला बोला। यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम यूपीए-2 के समय पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे, लेकिन आज भी नीतियां वैसी ही हैं। जिस रफ़्तार में परियोजनाओं के क्रियान्यवन में तेज़ी आनी चाहिए थी, वह इस सरकार में नहीं आई। 40 महीने तक सरकार में रहने के बाद अब हम पुरानी सरकार को दोष नहीं दे सकते। नोटबंदी और जीएसटी के रूप में जनता को एक के बाद एक दोहरे झटके दिए गए।
यशवंत के मुताबिक जीएसटी का वो भी समर्थन करता है लेकिन इसे लागू करने में सरकार ने जल्दबाजी की। सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस के वित्तमंत्री को छोड़ दें तो मैं ही अकेला हूं, जिन्होंने 7 बार बजट पेश किया है। आज देश की जनता चाहती है कि रोजगार मिले, पर जिससे पूछो वही कह रहा है कि रोजगार नहीं मिल रहा।