पूर्णिमा मिश्रा
विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार मोदी सरकार को जनता का पूरा और रिकॉर्डतोड़ साथ मिला, उससे जनता को भी मोदी से काफी उम्मीदें थीं लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद पहली कैबिनेट में हुए विस्तार से उत्तराखंड राज्य को बड़ा झटका लगा है।
राज्य में 57 सीटों पर काबिज होने के बाद उत्तराखंड की जनता को उम्मीद थी कि मोदी कैबिनेट विस्तार में उत्तराखंड के दिग्गजों का भी नाम शामिल होगा। लेकिन उत्तराखंड में कमाल करने वाले ये दिग्गज लोकसभा में होते हुए भी कोई कमाल न दिखा पाए।
कई दिनों से ही सभी की नजरें मोदी कैबिनेट विस्तार पर टिकीं हुईं थी। जो आज साफ हो गईं। लेकिन हुए इस विस्तार से उत्तराखंड की जनता को निराशा ही हाथ लगी है। जिस प्रकार मोदी मंत्रीमण्डल में नए 9 मंत्रिगणों को शामिल किया गया है और चार मंत्रियों को प्रमोशन दिया गया है। उनमें उत्तराखंड का एक भी मंत्री अपनी जगह नहीं बना पाया। जो काफी सोचनीय विषय है।
लेकिन सोचने वाली बात यह भी है कि उत्तराखंड का एक भी मंत्री मोदी कैबिनेट के लिए नहीं चुने गए और ना ही वहां मौजूद लोगों का विस्तार हो पाया। जिससे उत्तराखंड के उन दिग्गज नेताओं पर सवाल-ए- निशा खड़े हो गए हैं। कि आखिर क्यूं उत्तराखंड के इन नेताओं का विस्तार नहीं हो पाया? क्या इन नेताओं की छवि व उनके कार्य पर मोदी जी को संशय था? या उत्तराखंड के ये मंत्री अपनी कोई खास छवि नहीं छोड़ पाए?
खैर बात जो भी रही हो, लेकिन इसका परिणाम भी उत्तराखंड की जनता ही झेलेगी। जिस प्रकार उत्तराखंड हर बार अपनी विशेष छाप छोड़ पाया है और देश के अहम् पदों पर उत्तराखंड के दिग्गजों को जिम्मेदारियां दी गई हैं, लेकिन मोदी के कैबिनेट में उत्तराखंड के एक भी दिग्गज का नाम शामिल न होने पर तो हम यही कह सकते हैं कि इस बार उत्तराखंड के कोई भी नेता गण व् सांसद वो कमाल नहीं कर पाए जिससे वो मोदी की नजरों में बैठ पाते।