नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोबाइल फोन नंबर को आधार कार्ड से लिंक करने के विरोध में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी है। कोर्ट ने ममता सरकार से कहा कि वह (राज्य सरकार) संसद से पास कानून के खिलाफ कैसे जा सकती हैं। वहीं, आधार को मोबाइल से लिंक करने के मामले में एक और याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ममता बनर्जी निजी तौर पर कोर्ट में आ सकती हैं। कोर्ट ने ममता सरकार से कहा है कि अगर ऐसा होता है तो राज्य के बनाए कानून पर केंद्र भी चुनौती देगा।
ममता बनर्जी ने खुली चेतावनी दी थी कि वह अपने मोबाइल को आधार से लिंक नहीं करेंगी, भले ही उनका फोन बंद क्यों न कर दिया जाए। ममता बनर्जी ने ऐसा न करने के पीछे कई वजह भी बताईं। उन्होंने इसके लिए प्राइवेसी का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ’जैसे ही आप आधार से मोबाइल लिंक करेंगे उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा। घर में आप क्या खा रहे हैं, पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं। सब उन्हें पता चल जाएगा’। ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की एक मीटिंग के दौरान ये बात कही। ममता ने कहा, ’मैं फोन को आधार से लिंक नहीं करुंगी, एजेंसी को फोन काटना है तो काट दें। मैं दूंगी तो चैलेंज करके दूंगी’।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ’मैं बाकी लोगों से भी इस मामले में आगे आने की अपील करती हूं। मोबाइल नंबर से आधार को लिंक करने का यह कदम व्यक्तिगत गोपनियता पर अटैक करना है। गौरतलब है कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने 23 मार्च को मोबाइल से आधार लिंक कराने का आदेश जारी किया था। तब से ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं।