रूस अपने देश की सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान मिग-35 को भारत को बेचने में इच्छुक है। MiG कॉर्पोरेशन चीफ ने कहा कि भारत ने MiG-35 को खरीदने में रूचि दिखाई है। इस फाइटर प्लेन के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
मिग के प्रमुख इल्या तारासेंको ने कहा कि भारत लगभग 50 वर्षों से मिग विमानों का इस्तेमाल कर रहा है और मिग कॉरपोरेशन ने जिन शुरुआती देशों को अपने इस नए विमान का प्रस्ताव दिया उनमें भारत भी है और भारत को अपने सबसे आधुनिक विमान खरीदने में काफी दिलचस्पी भी है।
यह विमान उड़ने और हवा में कलाबाजी खाने के साथ-साथ दुश्मन के रडार को भी चकमा देने में माहिर है। हवा में होने वाले मुकाबले में MiG-35 की फुर्ती का जवाब नहीं है। रूस का यह फाइटर प्लेन एक साथ 10 से 30 निशानों को खोजकर उनपर हमला कर सकता है।
आधुनिक मिसाइलों से लैस इस विमान की तोप भी जबरदस्त है। इसके दोनों डैनों पर मॉडर्न स्मार्ट बम लगाए जा सकते हैं। रूस का यह विमान एक बार में 2,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। MiG-35 1982 के बाद से सेवारत MiG-29 लड़ाकू विमान का सबसे अडवांस्ड संस्करण है।
मिग-35 विमान IV++ यानि चौथी पीढ़ी के युद्धक विमानों में अधुनातन विमानों में सबसे खतरनाक है। इसकी कीमत 40-50 मिलियन डॉलर है। मिग-35 विमान को मिग-29 के बेस पर ही बनाया गया है, पर इसमें काफी सुधार किया गया है। कभी मिग-29 आसपान पर राज करते थे और मिग-35 के बनने से पहले ही रूस से कई देशों ने इसकी खरीद के संपर्क भी कर लिया है। मिश्र ने तो बाकायदा 46 मिग-35 की खरीद के लिए रूस से समझौता भी कर लिया है। इसके अलावा सीरियन एयरफोर्स और सर्बियन एयरफोर्स ने भी रूस से इन विमानों को मांगा है। इंडियन एयरफोर्स के पास मिग-29 हैं, जिन्हें साल 2013 में अपग्रेड किया गया।