हरिद्वार: हरिद्वार ग्रामीण विधायक की जिद्द के चलते जगजीतपुर के शराब के ठेके बंद होने से एक ओर जहां उत्तराखंड सकरार को 16 करोड़ के राजस्व की हानी होने वाली है, वहीं दूसरी तरफ शराब के ठेकेदार शासन के ढुलमुल रवैये के चलते आत्महत्या करने को विवश हो गए हैं।
बता दें कि जगजीतपुर के 4 अलग-अलग जगहों पर ठेके हैं। लेकिन विरोध के चलते हर जगहों के ठेकों को बंद कर दिया गया है। जिसके चलते पिछले तीन माह से जगजीतपुर के सभी ठेके बंद हैं लेकिन बंद ठेकों के बावजूद भी सरकार को रैव्युनू देना पड़ रहा है। जिससे ठेकेदार पिछले तीन महीनों से 3 करोड़ का रैव्युनू नहीं दे पाए हैं। जिस कारण ठेकेदार आत्महत्या करने को विवश है।
गौरतलब है कि न्यायलय के आदेशों के बावजूद हरिद्वार ग्रामीण के विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने खुद ही ठेकों पर ताला जड़ दिया। जिसके कारण तीन माह बाद भी ठेके नहीं खुल पाए हैं। जिससे साबित होता है कि विधायक ना तो न्यायलय का मान रख रहे हैं और ना ही सरकार की ।
ज्ञात हो कि हाल ही में जब इस मामले में आबकारी मंत्री प्रकाश पंत से उन्हीं की सरकार के विधायक की वजह से 16 करोड़ के राजस्व हानि के बारे में पूछा गया तो मंत्री जी गोलमाल जवाब देने लगे।
हम आपको बता दें कि जगजीतपुर का ठेका प्रदेश भर में से तीसरे नम्बर का ऐसा ठेका है, जिससे सरकार को सबसे ज्यादा रैव्युनू प्राप्त होता है।
कुलमिलाकर अगर बात की जाए तो विधायक की तानाशाही के चलते जहाँ उत्तराखंड सरकार को लगभग सोलह करोड़ की हानि हो रही है, वही शासन और सरकार अपने ही आदेशो को लागू नहीं करवा पा रही है। जिसकी वजह से अगर ठेकेदार आत्महत्या करते हैं तो सरकार की किरकिरी होना लाजमी है।