सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को कहा कि वह ब्रिटेन को कोहिनूर हीरा लौटाने या उसे नीलाम न करने का आदेश नहीं दे सकता। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनजीओ ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस की कोहिनूर हीरा को देश में वापस लाने का निर्देश देने संबंधी याचिका खारिज करते हुए यह कहा। केहर ने कहा, “हम हैरान हैं कि एक भारतीय अदालत ब्रिटेन में मौजूद किसी चीज को वापस लाने का आदेश कैसे दे सकती है?”
अदालत की पीठ ने कहा, “क्या हम यह आदेश दे सकते हैं कि ब्रिटेन को कोई संपत्ति नीलाम नहीं करनी चाहिए?”
याचिकाकर्ता एनजीओ ने अदालत से यह आदेश देने की मांग की थी कि ब्रिटेन कोहिनूर हीरे की नीलामी न करे। पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालत सरकार के जवाब से संतुष्ट है कि वह हीरा वापस लाने का प्रयास कर रही है।
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने 2013 में कोहिनूर वापस देने की मांगों को खारिज कर दिया था। रोचक बात है कि 1850 में डलहौजी के मार्कीज ने पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह को कोहिनूर हीरा क्वीन विक्टोरिया को उपहार में देने को बाध्य किया था। कोहिनूर की कीमत 200 मिलियन डॉलर आंकी जा रही है।