देहरादून: कॉल सेंटर के नाम पर बेरोजगार युवाओं से फर्जी तरीके से फीस वसूल करने वाले तीन अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर के नाम पर युवाओं को जॉब दिए जाने का यह फर्जी खेल ट्रांसपोर्ट नगर के समीप स्थित बिजनेस पार्क में चल रहा था जहां बकायदा अवैध रूप से फर्जी कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था।
जानकारी के अनुसार पुलिस को मुखबिर की सूचना मिली कि बिजनेस पार्क में एक कॉल सेंटर में जॉब दिए जाने के नाम पर युवाओं से अवैध फीस वसूली की जा रही है। सूचना पाकर तत्काल मौके पर पहुंची पुलिस ने बिजनेस पार्क में अवैध तरीके से संचालित हो रहे फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा और तमाम जानकारी जुटाने के बाद अवैध धंधे में संलिप्त तीन अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया। पुलिस पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वे बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के नाम पर 1900 से 2500 रूपए तक रजिस्ट्रेशन फीस वसूल करते हैं। कॉल सेन्टर के मालिकों द्वारा इन युवक व युवतियों को 10 से 15 हजार रूपये प्रतिमाह की सैलरी दी जाती है। इतना ही नहीं सेन्टर के मालिक स्वयं कस्टमर से बात कर उनसे और अधिक पैसों की मांग भी करते हैं। पुलिस के अनुसार कई बेरोजगार युवक युवतियां जॉब के नाम पर इस ठगी के शिकार हुए हैं। शातिर अभियुक्तों ने इन्टरनेट कॉलिंग के माध्यम से कॉल कर टेलीकॉम कम्पनी को भी राजस्व का चूना लगाया है। पुलिस के इस भंडाफोड़ के बाद बेरोजगारों की आंखें ही चौंधिया गई है।
पकड़े गए अभियुक्तों में राहुल कुमार पुत्र दयाराम सिंह निवासी ग्राम सीमला, बिजनौर, रचित पुत्र सुभाष चन्द्र निवासी बिचैली, अलीगढ़ तथा सुनिल कुमार पुत्र यशवंत कुमार, बडकोट, निवासी उत्तरकाशी शामिल हैं जो बतौर कर्मचारी के रूप में यहां फर्जी कॉल सेंटर मालिकों ने तनख्वाह पर रखे थे। पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ कर असली गिरोह तक पहुंचने की जांच पड़ताल में जुट गई है।
फिलहाल पुलिस को छापेमारी में फर्जी कॉल सेंटर से लैपटॉप-14, सीपीयू-3, प्रिन्टर-1, स्विच-2, राउटर-1, मोबाईल-10 तथा 25 कम्प्यूटर मय उपकरणों को फॉरेन्सिक जांच के लिए कब्जे में लिया गया है तथा कार्यालय को सील कर दिया है। इसके साथ ही संचालित की जा रही फर्जी कम्पनियों से संबन्धित दस्तावेज, बैंक एकाउन्ट डिटेल्स व एटीएम कार्ड भी जब्त किए हैं।