रुद्रप्रयाग: पहाड़ों की नदियां शीतकाल में रोजगार का प्रमुख जरिया बन सकती हैं, इसके लिए सरकार को नदियों से जुडे खेलों को लेकर अलग से कार्ययोजना तैयार करनी होंगी। ये कहना है नेशनल ओपन कयाकिंग सलालम प्रतियोगिता के प्रतिभागियों का।
राफ्टिंग व कयाकिंग के लिए अलकनंदा व मंदाकिनी नदी खेल प्रेमियों की पसंदीदा नदियां हैं, तमाम सुविधाएं न होने के कारण पानी से जुडे खेल यहां पर बडे स्तर पर नहीं हो पाते हैं। इसी को देखते हुए पिछले 22 नवम्बर से यहां की नदियों में सलालम लीग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका समापन्न आज हो गया है। प्रतिभागियों का कहना है कि प्रदेश की नदियां रोजगार का बेहतर जरिया बन सकती हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का भी यहां पर आयोजन किया जा सकता है।
नेशनल गेम आयोजित करने से पहले जनपद में लीग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें भारत समेत रशिया, चैक रिपब्लिक व नेपाल से आये 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का आयोजन रुद्रप्रयाग के स्यालसौड में किया गया।
प्रतियोगिता के समापन मौके पर पहुंचे केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि नदियां ही नहीं बल्कि हमारे पास तो साल भर के बारहों महीने रोजगार के संसाधन मौजूद हैं।
ग्रीष्मकाल में चारधाम यात्रा के बाद पहाडों में जिस तरह का सन्नाटा पसर जाता है उसे समाप्त करने के लिए सरकार को चाहिए कि यहां की नदी, पहाड़ व यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य को देश- दुनिया के सामने लाने के लिए अगल से कार्ययोजना बनाई जाए जिससे पहाड़ों में बारह महीने रोजगार लोगों को मिल सके और कुछ हद तक पलायन पर रोक लग सके।