पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत के गुरमीत राम रहीम को बलात्कारी साबित करने के बाद जहां पंचकूला हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को लताड़ा वहीं अन्य दोषी बाबाओं पर भी अन्य न्यायालय तीखा रूख अपनाने लगे हैं।
जिससे बाबाओं के बुरे दिन एक बार फिर शुरू हो गए हैं। दरअसल गुरमीत राम रहीम के बाद अब बारी आ गई है आसाराम बापू की। आज नाबालिग से रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के गांधी नगर में चल रही आसाराम के खिलाफ धीमी कार्यवाही और सुनवाई पर गुजरात सरकार को फटकार लगाई है। वहीं सवाल उठाया है कि मामले की सुनवाई में देरी क्यों हो रही है? और क्यूं अभी तक पीड़ित के बयान दर्ज नहीं किए गए? साथ ही आदेश दिया कि मामले की सुनवाई दीवाली के बाद होगी।
हालांकि गुजरात सरकार ने जवाब में कहा था कि इस मामले में 29 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और 46 के बयान दर्ज होना बाकी है।
भले ही गुजरात सरकार ने इस बाबत 29 गवाहों के बयान दर्ज कर लिए हों लेकिन इस बीच हम आपको बता दें कि इस मामले में दो गवाहों की हत्या कर दी गई है। जिससे साफ जाहिर है कि मामले को दबाने की कोशिश जारी है।
वहीं अगर बात करें गुरमीत राम रहीम मामले की तो 15 साल पहले जब यह मामला सामने आया तो जिस पत्रकार ने मामले को उठाया था। उसकी हत्या कर दी गई थी। और देखा जाए तो जिस प्रकार इतनी भारी संख्या में लोगों की मौत हुई है और इतनी बड़ी आगजनी घटना को पांच राज्यों में अंजाम दिया गया है। उस पर हरियाणा सरकार तो चुप्पी साधे है ही लेकिन अन्य सरकार भी मामले पर चुप्पी साधे हैं। जिससे साफ हो जाता है कि हमारा देश सरकार व लोकतंत्र तरीके से नहीं बल्कि बाबाओं के तंत्र से चल रही है!