देहरादून: दिलदहला देने वाले देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसला सुनते हुए राजेश को दोषी करार दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज विनोदकुमार ने राजेश गुलाटी को धारा 302 हत्या और 201 सबूत मिटाने के आरोप में दोषी मानते हुए सजा का फैसला कल करने की बात कही है।
क्या है अनुपमा गुलाटी केस?
यह हत्याकांड कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में 11 दिसंबर 2010 को सामने आया था, जब नई दिल्ली के मूल निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी की पत्नी 17 अक्टूबर 2010 को अचानक लापता हो गई।
अनुपमा का भाई राजेश उसे ढूंढता हुआ यहाँ पहुंचा, मगर उसे घर में नहीं घुसने दिया गया। यह सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले।
राजेश ने पत्नी की हत्या करने के बाद उसे दीप फ्रीजर में रख दिया था और खून जम जाने के बाद बाजार से पत्थर काटने वाली आरी से लाश के टुकड़े किए। लाश को ठिकाने लगाने के लिए राजेश ने तीन बार लाश के कुछ टुकड़े पॉलीथिन में डालकर मसूरी में पहाड़ी से नीचे फेंके। धीरे-धीरे लाश को फेकने के काम को राजेश अंजाम दे रहा था लेकिन इसी बीच उसका भेद खुल गया।