सचमुच आस्था है, विस्वास है, श्रद्धा है तो आसमान से देवताओं को भी जमीन पर उतरना ही पडेगा। बदरीनाथ में जहां ” श्री हरि ” लोक कल्याण के लिये तप मुद्रा में हैं । मंदिर के कपाट कल रविवार को सांय बंद होने हैं। पर भगवान के दर्शन के लिए और कपाट बंद पर जिस तरह से मंदिर और भगवान को पुष्पों के श्रृंगार से मानव श्रृंगारित करता है। आसमान से देवताओं ने भी कपाट बंद होने से पूर्व सफेद फूल ” बर्फ ” के रुप में बदरी नाथ में बिखेर दिये हैं।
शुक्रवार की रात्रि से ही बदरी नाथ में खूब बर्फ गिर रही है और बर्फ़बारी अभी भी जारी है। रूई की फाहों की तरह गिरती बर्फ और कुदरत का यह अदभुत नजारा देखते ही बन रहा है ।
” भगवान के दर्शन और प्रकृति के इस अदभुत सौंदर्य को देख यहां आये यात्री अभिभूत हैं । नीलकंठ जी विराट स्वरूप, दिव्य सिंहद्वार, बदरीनाथ जी मंदिर का स्वर्ण छत्र और चारों ओर चांदी की तरह बिखरी बर्फ। अदभुत सौंदर्य उत्पन्न कर रहा है ।