नैनीताल: उत्तराखंड परिवहन निगम की जीएम और 2007 बैच के पीसीएस अधिकारी निधि यादव द्वारा गलत दस्तावेज देकर पीसीएस की नौकरी हथियाने का सनसनीखेज मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट जा पहुंचा है। इस मामले की सुनवाई 11 सितम्बर को होगी।
दरअसल रूद्रपुर निवासी अनिल भारद्वाज ने जनहित याचिका दायर कर निधि यादव की नौकरी को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि 2007 बैच की निधि यादव ने पीसीएस अधिकारी की नौकरी के लिए जो ओबीसी का प्रमाणपत्र दाखिल किया है, वह नियमानुसार गलत है।याचिकाकर्ता ने याचिका में लिखा है कि निधि यादव मूल रूप से उप्र के मेरठ के रावा गांव की रहने वाली है। निधि यादव को उत्तराखंड के हरिद्वार से ओबीसी का जो प्रमाणपत्र जारी किया गया है वह नियमानुसार गलत है। इसलिए निधि इस आरक्षण की हकदार नहीं है।याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने भी निधि यादव के ओबीसी प्रमाण पत्र पर सवाल उठाये हैं। आयोग ने कहा है कि उत्तराखंड की निवासी न होने के कारण निधि यादव को ओबीसी कोटे का लाभ नहीं दिया जा सकता है।इस मामले में हाईकोर्ट 11 सितम्बर को सुनवाई करेगा। जिससे निधि यादव की परेशानी बढ़ सकती हैं।