देहरादून
पिटकुल के अधिकारियों का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है जिसमे टेंडर की शर्तों को भी ताक पर रख कर मात्र 100 MVA के ट्रासफार्मर को 160 MVA में दर्शा दिया गया है।
जी हां आपको बतादें कि मामला तब प्रकाश में आया जब ट्रासफार्मर कई बार खराब हो चूका है। ऊर्जा प्रदेश का सपना सच करने और प्रदेश में फैले हुए भृष्टाचार के लिए मौजूदा बीजेपी सरकार ने भृष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए सभी विभागों मै विजन डाकुयूमेन्ट जारी किया ताकि सभी अधिकारी-कर्मचारी भृष्टाचार से दूर रहें, लेकिन सरकार का ये नियम पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेट) के अधिकारियों पर सायद नही लागु होता नजर आ रहा है। मौजूद दस्तावेज यानि कैग की रिपोर्ट जिसमे बाकायदा लिखा है कि पिटकुल में बिजली सप्लाई करने के लिए झाझरा सब स्टेशन में लगा 160 MVA की क्षमता का ट्रासफार्मर लगा है लेकिन केवल कागजों में यह दर्शाया गया है, पर धरातल पर 100 MVA का ही ट्रासफार्मर लगा है। विभाग की कारगुजारी देखिये की 100 MVA के ट्रासफार्मर को 160 MVA का बना दिया गया और अधिकारियों की इस कारनामे से अंजान कर्मचारी जब भी स्टेशन में लगे ट्रासफार्मर पर 160 MVA तक का लोड डाला तो ट्रासफार्मर खराब होने लगा क्योंकि ट्रासफार्मर 100 MVA क्षमता का ही था जिससे यह साफ दिखाइ देता है कि कहीं न कहीं कुछ बड़ा खेल अवस्य हुआ है
वहीं प्रमुख सचिव ऊर्जा गलती तो विभाग के अधिकारियों की मानते हैं लेकिन ट्रांसफारमर और फर्जी सर्वै कराने वाले अधिकारी पर कोई कार्रवाई की बात नहीं करते।
उत्तराखंड सरकार के काबीना मंत्री और प्रवक्ता नियुक्त हुए मदन कौशिक ने पिटकुल पर लगे गंभीर वित्तिय अनियमित्तओं के आरोप पर जल्द ही कार्रवाई करने की बात की साथ ही कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपना रही हे कोई भी भ्रष्ट अधिकारी होगा उस पर जरूर कार्रवाई की जाएगीं।
ऊर्जा प्रदेश का सपना कैसे पूरा हो जब प्रदेश में दागी अफसरशाही हावी हो, देखने वाली बात है की प्रदेश में जीरो टॉलरेंस वाली सरकार कब तक इन भ्रष्ट अफसरशाही पर शिकंजा कसती है या मात्र जाँचों तक सीमित रहती है।