पिछले 16 सालों से उत्तराखंड औऱ उत्तरप्रदेश के बीच परिसंपत्तियों को लेकर हमेशा विवाद बना हुआ है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए आज उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिलकर इन विषयों पर चर्चा करने वाले हैं। दोनो राज्यों में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार होने के साथ साथ योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड मूल से होना, माना जा रहा है कि ये फैक्टर उत्तराखंड के हित में हो सकते हैं। जिसके बाद प्रदेश के झोली में कई महत्वपूर्ण सौगातें आ सकती हैं।
इनमें आवास विकास, हरिद्वार की बहुमूल्य संपत्तियों के अलावा लगभग दो हजार करोड़ रुपये के लेनदेन संबंधी विवादों का निपटारा भी हो सकता है, जो अरसे से उलझे पड़े हैं। इसके साथ ही उम्मीद है कि पिछले सोलह सालों से उलझे परिवहन व नहरों के अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सिंचाई, औद्योगिक विकास, ग्राम विकास, गृह एवं पंचायती राज समेत लगभग एक दर्जन महकमों की परिसंपत्तियों के बंटवारे का विवाद भी सुलझ सकता है। उत्तराखंड के गठन के बाद से ही दोनों प्रदेशों के बीच यू तो सबंध अच्छे रहे लेकिन जब भी बात परिसंपत्तियों की आयी तो उत्तराखंड के हिस्से में कुछ न आ सका। अब योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उत्तराखंड की जनता औऱ सरकार की आशाओं पर जैसे पंख लग गये हैं। इसलिए उम्मीद है कि वर्षों से चला आ रहा ये विवाद अब जल्द ही दोनों सरकारों द्वारा आपसी सहमति से सुलझा लिया जाएगा।