नैनीताल: हाइकोर्ट ने नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से अर्बन हेल्थ सेंटर चलाने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट टेंडर आमंत्रित किए जाने के मामले में बोम्बे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर की याचिका में सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। जबकि एक अन्य इण्डियन सोसाइटी फ़ॉर हेल्थ प्रोफेशनल की याचिका को अन्य बेंच को रेफेर कर दिया है।न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। बता दे कि बॉम्बे हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने ए क्लस्टर के लिए आवेदन किया था। जिसमे विपक्षी समर्पण ने भी आवेदन किया था और उसने अपनी नेट वर्थ एक करोड़ 8 लाख दिखाई जबकि याचिकाकर्ता की एक करोड़ 64 लाख थी।जब टेक्निकल बिड खोली गई तो समर्पण की 60 लाख निकली। याचिका में कहा कि विपक्षी की ओर से फर्जी नेट वर्थ दिखाई गई और सरकार की और से टेंडर उसके पक्ष में कर दिया गया । इस प्रकरण में कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।वही दूसरी ओर इंडियन सोसाइटी फ़ॉर हेल्थ केअर प्रोफेशनल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नेशनल हेल्थ मिशन ने अर्बन हेल्थ सेन्टर चलाने के लिए ई टेंडर आमन्त्रित किये थे। याचिका में कहा गया है कि एल1 में आईएसएचपी संस्था और एल2 में अपोलो अस्पताल था।लेकिन विभाग ने एसपीडी नामक एक संस्था को अवार्ड लेटर दे दिया जबकि एसपीडी नाम की संस्था ई-प्रोक्योरमेंट टेंडरिंग प्रक्रिया में कहीं भी शामिल नहीं हुई। विभाग की ओर से कहा गया कि वायरस के आक्रमण के कारण एसपीडी ई- टेंडर में शामिल नहीं हो पाई।याचिका में कहा कि विभाग ने एल1 और एल2 को नज़रंदाज़ करते हुए एसपीडी जो अभी भी गवर्नमेंट के पोर्टल पर कहीं नहीं है उसको टेंडर अवार्ड दे दिया गया। इस मामले काे कोर्ट ने अन्य बैंच को रेफेर कर दिया है।