विक्रम श्रीवास्तव
नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण लगता है कि घोटालो का वो अड्डा है जहा पर आप अफसर की जेब गर्म कीजिये और जो मर्जी वो काम करवा लिजिए । ताजा घोटाले मे नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के इंजिनियर इन चीफ जी सितईया संदेह के घेरे मे है। जी सितईया ने हैरिटेज एवियेशन प्राईवेट लि0 को एक अनुभव पत्र जारी किया गया है, जिसमे जी सितईया ने अनुभव प्रमाण पत्र मे उक्त कंपनी को 2010 से आॅपरेटर अनुभव के साथ ही आपदा मे बेहतर कार्य करने का जिक्र भी किया है।
जी सितईया के इस प्रमाण पत्र के जरीए हैरिटेज एवियेशन प्राईवेट लि0 कंपनी अन्य राज्यो मे एवियेशन के क्षेत्र मे काम उठा रही है। उद्हारण के तौर पर 2016 मे हैरिटेज एवियेशन प्राईवेट लि0 कंपनी ने उत्तराखण्ड से लिये अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर जम्मू कश्मीर राज्य मे मचेल माता में शटल सर्विस का टेंडर प्राप्त किया था।
खास बात यह कि जी सितईया ने हैरिटेज एवियेशन प्राईवेट लि0 कंपनी को जो पत्र जारी किया है उस पत्र में लिखा है कि हैरिटेज एवियेशन कंपनी 2010 से उत्तराखण्ड में हैली आॅपरेशन कर रही है।
जबकि DGCA की वेेब साईट पर अनियमित आॅपरेटर (NSOP) मे साफ -साफ लिखा है कि हैरिटेज एवियेशन प्राईवेट लि0 कंपनी को अप्रैल 2015 से नाॅन शिडयुल आॅपरेटर परमिट जारी हुआ है। ऐसे मे यह साफ है की नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के इंजिनियर इन चीफ जी सितईया की भूमिका संदेह के घेरे मे है। क्योकि जिस समय का अनुभव प्रमाण पत्र हैरिटेज कंपनी को हैली ऑपरेटर का दिया गया है वह उस वक्त टिकटिंग एजेंसी थी ।
नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण का यह दूसरा ऐसा मामला है जब पूरा विभाग संदेह के घेरे मे है, गौरतलब है कि इससे पूर्व अनियमित उड़ान के नाम पर नाॅन शेडयूल आॅपरेटर को टेंडर जारी किया गया था जिसको त्रिवेन्द्र सरकार ने खारीज कर दिया है।