उत्तराखंड शासन से शासनादेश जारी होने और सीएम द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद भी शासनादेश का पालन न होने के पर गुस्साए प्रशिक्षित डिपलोमाधारी बेरोजगार महिला स्वास्थ्य कर्मी संघ ने आज डी.जी हैल्थ कार्यालय का घेराव किया।
आपको बता दें कि प्रदेश भर में 4500 पदों पर भर्तियाँ निकलीं जिसपर एएनएम बेरोजगार संघ कलावर्ग के लिए हाई कोर्ट ने 19 जुलाई को दायर एक याचिका पर फैसला सुनते हुए एएनएम बेरोजगार संघ कलावर्ग के लिए भर्ती पर रोक लगा दी थी, जिसके विरोध में संघ धरने पर बैठ गया था।
जिसके बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगार संघ को राहत देते हुए कहा था कि हम मामले को लेकर सुप्रिम कोर्ट जायेंगें। लेकिन निर्धारित समय तक भी, अभी तक कोई भी कार्यवाही शासन स्तर पर नहीं की गई है। जिस कारण बेरोजगार संघ एक बार फिर धरने पर बैठ गया है।
वहीं संघ की मंडल अध्यक्ष सपना और मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ की प्रांतीय अध्यक्षा गुड्डी ने हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए बताया कि जैसे ही संघ डी.जी हैल्थ से मिलना चाहा वैसे ही संयुक्त निदेशक प्रशासनिक अधिकारी कैलाश जोशी ने उनसे जुबानी बत्तमीजी की । जिसके खिलाफ आज जब संघ मामले को लेकर डी.जी हैल्थ से मिलने गया तो उन्हें आज पुलिस बल ने अंदर नहीं जाने दिया। जिस कारण संघ ने धरना डीजी हैल्थ कार्यालय के गेट पर ही दिया। और कैलाश जोशी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए नर्सिंग एएनएम बेरोजगार संघ कलावर्ग की भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी थी। लेकिन सीएम ने इस बाबत ध्यान देते हुए बेरोजगार संघ को आश्वासन दिया था कि मामले को सुप्रिम कोर्ट ले जाया जाएगा और भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू की जायेगी। लेकिन निर्धारित समय सीमा तक अभी तक कोई भी सकारात्म कार्य धरातल पर नजर नहीं आया ।
जिस कारण एक बार फिर बेरोजगार संघ धरना देने को मजबूर है और सीएम द्वारा किया गया आश्वाशन अभी तक धरातल पर नज़र नहीं आया है । हालाँकि जब हैलो उत्तराखंड ने इस बाबत मामले से जुड़े अधिकारीयों से पूछा तो बताया गया कि मामले की प्रक्रिया जारी है, वहीं बेरोजगार संघ का कहना है कि जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता है तब तक उनका धरना जारी रहेगा।