संजय कुवंर, जोशीमठ
चमोली जिले के सीमान्त द्रोणागिरी बागनी घाटी को ट्रैकिंग रूट आफ द ईयर घोषित किया गया है, जिसके चलते 21मई को जोशीमठ के गांधी मैदान में द्रोणागिरी ट्रैकिंग डैस्टीनेशन आफ दि ईयर अभियान का शुभारम्भ किया गया और द्रोणागिरी ट्रैकिंग पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि विद्यायक महेन्द्र भट्ट ने हरी झंडी दिखाकर देश के कोंने कोंने से आये ट्रैकर्सों को द्रोणागिरी ट्रैकिंग के लिए रवाना किया।
पहले दौर में 100 ट्रैकिंग मेंम्बर जिनमें दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, नेहरू पर्वतारोहण, ओएनजीसी, आईटीबीपी के सदस्य शामिल हुए। साथ ही साथ केदारनाथ के विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया, ब्लाक प्रमुख प्रकाश रावत, नगर पालिका अध्यक्ष रोहिणी रावत, जीएमवीएन के एमडी अतुल गुप्ता व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी हरक सिंह रावत, सीडीओ विनोद गोस्वामी आदि मौजूद थे।
अगर इस कदम को देखें तो यह स्थानीय लोगों को पर्यटन से जोडकर स्वरोजगार उपलब्ध कराने के हित में एक अच्छा कदम है। मुख्य अतिथि विद्यायक महेन्द्र भट्ट ने द्रोणागिरी ट्रैक पर पर्यटक सुविधाऐं विकसित कर हर वर्ष ट्रैकिंग करायी जायेगी। साथ ही साथ उन्होंने गढवाल मण्डल विकास निगम को साहसिक गतिविधियों में पहल करने की बात कही। इस तरह ये दल आज पहले दिन के पडाव में द्रोणागिरी घाटी के एक बेहद खूबसूरत गांव रवींग कैम्प पहंुचेगा,तो सोमवार को टीम द्रोणागिरी घाटी में स्थित गिरी द्रोण पर्वत पहुचेंगी, वही मंगलवार को सूबे के पर्यटन मन्त्री सतपाल महाराज भी द्रोणागिरी ट्रेक में शामिल होगें।
गौरतलब है कि द्रोणागिरी ट्रैकिग को राज्य सरकार द्वारा ट्रैक आॅफ द ईयर 2017 घोषित किया गया है। नीति घाटी में जोशीमठ से लगभग 40 किमी. दूरी पर जुम्मा नामक स्थान से शुरू होने वाले द्रोणागिरी ट्रैक का पहला पढाव रूईग तथा दूसरा द्रोणागिरी गांव पडता है जो समुद्र तल से 3622 मीटर की ऊॅचाई पर स्थित है। जुम्मा से द्रोणागिरी गावं तक 9 किमी. पैदल ट्रैक है। द्रोणागिरी गांव से लगभग 8 किलोमीटर ऊॅचाई पर द्रोणागिरी पर्वत है जहाॅ तक ट्रैकिंग की जानी है। यह क्षेत्र जडी-बूटी बहूल्य क्षेत्र है। द्रोणागिरी पर्वत वही पर्वत है जहाॅ से त्रेता युग में वैध सुशैन के कहने पर भगवान हनुमान जी संजीवनी बूटी ले गये थे। द्रोणागिरी में द्रोणागिरी पर्वत देवता, द्रोणागिरी पर्वत व नन्दी कुण्ड आदि धार्मिक पर्यटन स्थल है तथा बागनी ग्लेशियर, द्रोणागिरी पर्वत, नन्दी कुण्ड क्षेत्र साहसिक पर्यटन स्थल है।