देहरादून : प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर वित्त मंत्री प्रकाश पंत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच ट्विटर पर सियासी संग्राम छिड़ा गया है जिसके रोज नए रंग देखने को मिल रहे है। सरकार के प्रति काफी पूर्व मुख्यमंत्री की आक्रामकता जगजाहिर है और इस बार आक्रामकता का शिकार वित्त मंत्री प्रकाश पंत बने है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के बीच ट्विटर पर यह दिलचस्प सियासी संग्राम रविवार को हरीश रावत के एक ट्वीट से शुरू हुआ। जिसमें जीएसटी लागू होने के बाद वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा था कि इससे राज्य को मिलने वाले राजस्व में करीब 20 फीसद की वृद्धि होगी।
वित्त मंत्री प्रकाश पंत के इस बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि प्रकाश पंत जी आप बहुत निष्ठुर हैं। जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाले हिस्से में 19.5 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसका अर्थ है कि आपके पास विकास के लिए जन कल्याण के लिए पर्याप्त राशि होगी। इन आरोपों पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बाकायदा ट्वीट कर आंकड़े जारी किए है जिसमें लिखा है कि राज्य की ऋणग्रस्तता वर्ष 2002-03 में 6002.62 करोड़ से बढ़कर 15-16 में 39031.87 करोड़ रुपये हो गई थी। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री पर जनता को भ्रमित करने का आरोप भी लगाया है।
इस ट्वीट का जबाव देते हुए हरीश रावत ने कहा कि – प्रकाश पंत जी आप बहुत निष्ठुर हैं। जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाले हिस्से में 19.5 प्रतिशत वृद्धि होगी। इसका अर्थ है कि आपके पास विकास के लिए जन कल्याण के लिए पर्याप्त राशि होगी। यह तभी संभव हुआ जब तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश की पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2016-17 में राजस्व वृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए और पूरे देश में सर्वाधिक राजस्व वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त कियाए, कुछ तो धन्यवाद देना सीखो।
सोशल मीडिया में शुरू हुआ ये संग्राम – सवाल करने, आरोप लगाने आंकड़ो को खारिज करने और विकास दर का श्रेय लेने तक पहुंच गया है। अब न जाने आने वाले दिनों में इस सियासी संग्राम के कौन-कौन से नए रंग देखने को मिलंगे।