भारत में देश विदेश की बड़ी बड़ी कंपनियों में काम कर रहे लोगो के लिए ये अच्छी खबर नहीं है। देश के में इस समय नौकरियों पर तलवार लटकी हुई है। विप्रो, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और कॉग्निजेंट जैसी 7 बड़ी आईटी कंपनियां भारत में काम कर रही हैं।
यह कंपनियां अपने 56,000 कर्मचारियों को बाहर करने की प्लानिंग कर रही हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल कंपनियों में छटनी के माध्यम से निकाले जाने वाले कर्मचारियों की संख्या दोगुनी हो गई है। बता दें कि इन सात कंपनियों में काम कर चुके और काम कर रहे 22 बड़े अधिकारियों के इंटरव्यू के बाद यह संख्या निकाली गई है।
इनमें इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, यूएस बेस्ड कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन, डीएक्ससी टेक्नोलॉजी और फ्रांस बेस्ड कैप जैमिनि कंपनी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी कंपनियों ने छटनी के लिए पहले ही जमीन तैयार कर ली है।
बता दें कि इन 7 कंपनियों में 1.24 मिलियन कर्मचारी काम करते हैं। कंपनियां 2017 में 4.5 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की प्लानिंग कर रही हैं।
पिछले कुछ सालों की बात करें तो परफोर्मेंस रिव्यू के आधार पर भारतीय आईटी कंपनियों में 1 से 1.5 फीसदी लोगों की नौकरी जाती थी। वहीं भारत में विदेशी कंपनियों में 3 फीसदी लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ता था। इस साल भारतीय और विदेशी कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को निकालने का आंकड़ा 2 से 6 फीसदी तक है। हालांकि उसी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बात से इनकार किया गया है कि आईटी सेक्टर में बढ़ती छटनी किसी संकट का संदेश दे रही है। देश के युवाओं को रोजगार देने का वादा करने वाली मोदी सरकार को आईटी सेक्टर में बढ़ रहे बेरोजगारी के इस खतरे पर जल्द जल्द कोई ठोस कदम उठाना होगा।