रामनगर: दिल्ली में इलाज करवाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर उत्तराखंड का रुख किया है। आते ही पूर्व मुख्यमंत्री राजनीती में सक्रिय नजर आये। रामनगर के दौरे पर निकले रावत ने दशहरे के कार्यकर्म में शिरकत करने के बाद एक दलित परिवार के यहां भोजन किया। मोहन चन्द्र टम्टा के यहां भोजन करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सीधे अल्मोड़ा के लिए रवाना हो गए।
दलित के यहां भोजन करना जहां दलित कार्ड खेलकर उत्तराखंड की सत्ता कब्जाने की ओर एक कदम के रूप में देखा जा रहा है तो वहीं हरीश रावत की माने तो दलित के यहां खाना खाने के लिए जाना उनके लिए एक मामूली बात है, इसे राजनीती से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए क्योंकि छुआ-छुत जैसी किसी भी बात पर वो विश्वास नहीं करते है।
वहीं हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचेश्वर बाँध को लेकर वो सभी प्रभावित होने वाले क्षेत्र जैसे अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चम्पावत का दौरा कर लोगों से उनकी समस्या को जानेंगे और उसके निराकरण के लिए समाधान ढूढेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री की माने तो वो जलसंरक्षण के पक्ष में शुरु से ही रहे है लेकिन छोटे जलाशय उनकी प्राथमिकता रही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत कि माने ताे परियोजना को लेकर मौजूदा स्थिति पर सरकार ने गहनता से अध्ययन की जरूरत नहीं समझी है। अगर इस परियोजना को ऐसे ही लागू कर दिया गया तो प्रदेश में भूचाल भी आ सकता है।
अब ये तो तय है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस परियोजना को लेकर मोर्चा खोल दिया है। अब आने वाले समय में देखना ये होगा कि इस मोर्चे का सामना बीजेपी कैसे करती है…