ये तो हम सभी जानते हैं कि जब भी कोई नई सरकार सत्ता में आती है तो कुछ अधिकारियों को बैक फुट पर ला दिया जाता है तो कुछ को पावर सेंटर बना दिया जाता है। वर्तमान सरकार के सचिवालय में ऐसे ही पावर सेंटर के रूप में ओमप्रकाश अब लगभग तैयार हो चुके हैं। पहले ओमप्रकाश को मुख्यमंत्री का अपर मुख्य सचिव बनाना और फिर उसके बाद कई महत्वपूर्ण विभागों से उनको जोड़ देना इसी बात की तस्दीक करता है।
सरकार द्वारा कई विभागों में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की मौजूदगी को बनाए रखने के लिए बीते रोज जो सरकारी फरमान जारी हुआ उसमें कई अहम विभागों को ओमप्रकाश से जोड़ दिया गया। यानी अब संबंधित विभाग की फाइल मुख्यसचिव तक जाने से पहले अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की टेबल से होकर जाएगी।
बता दें कि मंत्रि-परिषद् एवं विधानसभा से सम्बंधित समस्त प्रकरण, माननीय राष्ट्रपति/उप राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री/लोक सभा, राज्य सभा, भारत सरकार के माननीय मंत्रिगण, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से समन्वय के प्रकरण, अन्तर्राष्ट्रीय संवाद/सहयोग एवं विभिन्न दूतावासों से संबंधित समस्त प्रकरण, राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय विकास परिषद् एवं नीति आयोग से संबंधित समस्त प्रकरण, न्यायपालिका से सम्बंधित समस्त प्रकरण, मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय के समस्त महत्वपूर्ण एवं नीतिगत प्रकरण, सभी आवंटित विभागों के मध्य समन्वय इत्यादि के सम्पूर्ण प्रकरण, भारतीय जनता पार्टी के घोषणा-पत्र का क्रियान्वयन एवं गृह, वित्त, कार्मिक/सतर्कता, निर्वाचन, राजस्व, नागरिक उड्डयन, आबकारी, खनन, सचिवालय प्रशासन, ऊर्जा, विधि एवं न्याय, संसदीय कार्य एवं विधायी विभाग से सम्बंधित प्रकरण के कार्य ओमप्रकाश द्वारा देखे जाएंगे।
मालूम हो कि ओमप्रकाश पूर्व बीजेपी शासनकाल में त्रिवेंद्र सिंह रावत के कृषि मंत्री होने के दौरान कृषी सचिव भी रहे हैं।