त्यूणी मुआवजे पर हैलो उत्तराखंड न्यूज की परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से खास बातचीत

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त्यूणी में हुई बस दुर्घटना के बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये की घोषणा करने के बाद..हैलो उत्तराखंड न्यूज  और परिवहन मंत्री यशपाल आर्या की मुआवजे को लेकर पढ़िए पूरी बातचीत

         सवाल – ये जो त्यूणी में बस दुर्घटना हुई है, जिसके बाद आपकी सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक – एक लाख रुपये देने का वादा किया है क्या आपको लगता है कि इतनी रकम उन परिवारों के लिए काफी है जिनके घरों एक आदमी की मृत्यु हुई है ?

     जवाब – जीवन अनमोल है इसलिए इसकी कोई किमत नहीं लगाई जा सकती। मगर हमारी भी कुछ सिमाएं है। लेकिन जिनके घर मे मौत हुई है, जिनके घर में सब कुछ खत्म हुआ है उनकी भरपाई असंभव है इसलिए इसे पैसों से नहीं आंकना चाहिए।

       सवाल – क्या आपको नहीं लगता कि एक लाख रुपये मृतक परिवारों के लिए बहुत कम हैं। कम से कम पांच लाख रुपये तो राज्य सरकार द्वारा उनको आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए ?

   जवाब– देखिए ये तत्कालिक सहायता है जो राज्य सरकार ने दी है और हमारी  कोशिश है कि जल्द से जल्द उन तक ये तत्कालिक सहायता पहुंचाई जाए।

      सवाल – मतलब राज्य सरकार एक लाख मुआवजा देने से ज्यादा मृतकों के परिजनों के लिए कुछ नहीं करेगी ?

         जवाब – नहीं नहीं मुआवजा देने के लिए ऐसा कुछ प्रतिबंधित नहीं है । लेकिन अभी राज्य सरकार इससे ज्यादा देने कि स्थिती में नहीं है।

       सवाल – क्या मृतकों के परिजनों को ज्यादा मुआवजा मिलना चाहिए , इस मुद्दे को आप मुख्यमंत्री के सामने उठाएगें ?

        जवाब– अब तक प्रदेश में जितनी भी दुर्घटनाएं हुई है, मौते हुई है उन सभी में अब तक जितनी राशि अनुबंध थी, वहीं दी गई है। आने वाले भविष्य में इसको बढ़ाने को लेकर विचार जरूर विचार किया जाएगा।

         सवाल – तो क्या आपकी बात का यही अर्थ निकाला जाए, कि फिलहाल एक लाख से ज्यादा मृतकों के परिवार को कुछ नहीं दिया जाएगा ?

          जवाब – अब आप जो भी अर्थ निकालना चाहें निकाल सकते हैं। मैं इसमें अब क्या बोलूं……………………………………………………

हम मानते है कि जीवन अनमोल है और किसी की भी जान की भरपाई रुपयों से नहीं हो सकती। लेकिन जिन परिवारों ने अपना लड़का, अपना पति या फिर अपनी लड़की खोयी हो उसको राज्य सरकार मदद के रूप में मात्र एक लाख रुपये की पेशकश करे तो यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है । एक इंसान के कफन और क्रिया क्रम में ही एक लाख रुपयों से ज्यादा का खर्चा हो जाता है। तो अगर इस नजर से देखे तो मदद सिर्फ दिखावा ही लगती है। अगर मंत्री साहब औऱ उनकी सरकार की नीयत मृतकों के परिवार वालों को आर्थिक मदद देने की हो तो जल्द ही ये मुआवजा बढा कर इसे कम से कम पांच लाख कर देना चाहिए…………..

वैसे भी जब सरकार करोड़ों रुपये सिर्फ अपने ऐशो आराम पर खर्च सकती है तो  फिर अपने ही राज्य के लोगों की मृत्यु के मुआवजे पर इतनी कंजूसी क्यों ?

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