देहरादून: परिवहन सचिव डी.सैंथिल पांडियन को मिली धमकी के बाद राज्य सरकार ने आईएएस पांडियन को अब सुरक्षा दे दी है। आईएएस सेंथिल पांडियन के साथ अब एक गनर रहेगा। साथ ही पांडियन के टिहरी हाउस पर भी पुलिस तैनात रहेगी। लेकिन इसके बावजूद भी एक सवाल उठता है जिस प्रदेश में आईएएस ऑफिसर भी सुरक्षित नही है वहां की जनता का क्या होगा?
करीब 300 करोड़ के एनएच घोटाले का खुलासा करने वाले तत्कालीन कुमाऊ कमिश्नर डी. सैंथिल पांडियन को मिली इस धमकी के बाद ये बात तो साफ़ हो गयी है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो बोलेगा या जो उसे उजागर करेगा उसकी जिंदगी दांव पर लग जाएगी और उसका मुंह बंद करने के लिए भ्रष्टाचारी किसी भी हद तक जा सकते है।
जब हैलो उत्तराखंड ने आईएएस, आईएफ़एस और आईपीएस की पोश कॉलनी, उषा ऑफिसर्स कॉलोनी की गहनता से पड़ताल की तो पाया कि कॉलनी का गेट ही खराब है, वो गेट हर समय खुला ही रहता है क्योंकि गेट जाम हो रखा है। ये अपने आप में ही आधिकारियों की सुरक्षा में बड़ी चूक है।
वहीं ऑफिसर्स की सुरक्षा में केवल तीन ही सुरक्षा कर्मी रहते है, तीन में से एक दिन में और दो रात के समय कॉलोनी में मौजूद रहते है। ये सोचने वाली बात है जहां करीबन 50 से 60 टॉप लेवल आधिकारी और उनका परिवार निवास करता है वहां इतने कम सुरक्षा कर्मी आधिकारियों की सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित कर पाएंगे? अगर ये कहा जाये कि अधिकारीयों की सुरक्षा में ये चूक किसी अनहोनी को दस्तक दे रही है तो ये कहना गलत नहीं होगा।
इस मसले पर जब हैलो उत्तराखंड ने गृह सचिव आनंद वर्धन से बात कि तो उन्होंने कहा कि ये मामला तो गंभीर है लेकिन अब तक उनका ध्यान इस ओर नहीं गया था। परन्तु अब वो इस मामले की गहनता से जांच करेंगे।