उत्तर कोरिया ने अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) का फिर से परीक्षण किया है। जिससे एक बार फिर दुनिया के में खलबली मच गई है। वहीं जापान के पीएम शिंजो आबे ने इसे देश की सुरक्षा को खतरा मानते हुए आपात बैठक बुलाई है। जापानी पीएम ने कहा, आईसीबीएम स्तर की मिसाइल दागने से साफ है कि हमारे देश को खतरा वास्तविक व गंभीर है। चीन ने भी मिसाइल परीक्षण की निंदा की है साथ ही सभी संबंधित देशों को एकजुट होने की भी सलाह दी है, ताकि समय रहते मुसीबत का हल तलाशा जा सके।
इस महीने में उत्तर कोरिया का यह दूसरा परीक्षण है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस मिसाइल परीक्षण की पुष्टि की है। पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जैफ डेविस ने कहा कि यह मिसाइल करीब एक हजार किमी की दूरी तय कर जापान के समुद्र में गिरी। यह इस साल का 12वां व आईसीबीएम मिसाइल का दूसरा परीक्षण है। उन्होंने कहा कि हमारा आंकलन है कि मिसाइल एक अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल थी, जिसका पहले से अंदाजा था।
दक्षिण कोरियाई न्यूज एजेंसी यॉन्हप के मुताबिक इस मिसाइल की मारक क्षमता इतनी है कि अमेरिका को भी निशाना बनाया जा सकता है। यॉन्हप ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि उत्तर कोरिया के मिसाइलों की जद में अमेरिका के लॉस ऐंजिलिस समेत कई दूसरे शहर भी आ सकते हैं। इससे पहले भी उत्तर कोरिया ने 4 जुलाई को पहले अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।
अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया पूरे विश्व के लिए खतरा बन गया है। अमेरिका के लिए भी वह खतरा है। इसका संज्ञान लिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी संसद ने हाल ही में रूस, इरान के साथ उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाए थे। माना जा रहा है कि उसके जवाब में प्योंगयांग ने यह परीक्षण किया।
उत्तर कोरिया ने कहा कि मिसाइल के दोबारा सफल परीक्षण से इसकी क्षमता का पता चला है। कोरिया की सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी ने कहा कि टेस्ट के बाद उनके सुप्रीम लीडर ने इस बात की जानकारी दी है कि अब पूरा अमेरिका उनकी ज़द में है। इस मिसाइल का मॉडल ठीक वैसा ही है जैसी एक मिसाइल का टेस्ट तीन जुलाई को किया गया था। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उसके मुक़ाबले यह मिसाइल ज़्यादा तेज़ और ऊंचाई तक जा सकती है।