नैनीताल: हाईकोर्ट ने टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति की मांगों पर उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव को टिहरी जिलाधिकारी की संस्तुति के आधार पर जल्द समाधान निकालने को कहा है। उच्च न्यायालय में वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया।
टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार और अन्य के खिलाफ याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि उन्हें एक लाख पच्चीस हजार रुपये प्रति परिवार 2010 से प्रतिपूर्ति के रूप में भुगतान किया जाए।
आपको बता दे की प्रतापनगर और गांजडा क्षेत्र के 15,500 लोगों को डैम बनने के बाद 80 किलोमीटर अधिक यात्रा करनी पड़ रही है जिसके कारण मुआवजे की मांग की गयी है।
मुआवजे के साथ ही समिति ने तोलजीशेड, गांजडा, हुलाड़ी क्षेत्र में एक-एक आई.आई.टी.संस्थान खोले जाने की मांग रखी है। इतना ही नही समिति ने गांजडा क्षेत्र की जनता के लिए धेन्तरी में 50 बैड का चिकित्सालय खोलने की बात कही है।
ज्ञात हो, समिति की मांगों पर टिहरी के जिलाधिकारी ने 26फरवरी 2009 में प्रमुख सचिव और सरकार को संस्तुति भेजी थी।