बीते रोज पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक वेडिंग प्वाइंट में आम, लीची व आड़ू की दावत का आयोजन किया। मालूम हो कि इससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने मीडिया के लिए काफल पार्टी का भी आयोजन किया था। अब की बार आम पार्टी देकर हरीश रावत कांग्रेस के लिए खास बन गए। हरीश रावत ने आम पार्टी के जरिए कांग्रेसी नेताओं को भी एक मंच पर लाने का काम किया।
हरीश रावत की दावत में आम, लीची, आड़ू, खुमानी, जामुन, मक्की, खीरा के साथ- साथ दूध और गुड़ का भी लोगों ने जायका लिया। पूर्व सीएम की दावत में पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह समेत तमाम विधायकों के अलावा विभिन्न ट्रेड यूनियन, उद्योग व समाजसेवा से जुड़े लोगों ने भी शिरकत की।
इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि बेशक आज वह सरकार में नहीं हैं परन्तु मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की खेती, किसानी को केंद्र में रखने के लिए जो 1100 कदम उन्होंने उठाए थे इसके लिए वह काम करते रहेंगे । उन्होंने कहा कि हमारा कोदा, झंगोरा, मडुवा हमारे मौसमी फल जैसे माल्टा, नाशपाती, सेब सरकार की नजर से ओझल ना हो जाएं, इसीलिए उन्होंने काफल पार्टी रखी थी और अब उसी कड़ी को अब आगे बढ़ाया है।
लेकिन वहीं बीजेपी के सरकारी प्रदेश प्रवक्ता मदन कौशिक ने हैलो उत्तराखंड से बात कर कहा कि विपक्षी पार्टी को इस तरह की छोटी और ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए। हमारी सरकार किसानों के लिए हर तरह की योजनाएं बना रही हैं।
वहीं कांग्रेस के भी कुछ नेताओं ने हमसे बात कर कहा कि पार्टी को इस समय मजबूत करने की जरूरत है, जिसके लिए प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की जरूरत है। ऐसे में पहले काफल औऱ अब आम पार्टी के बजाय पार्टी को मजबूत करने की दिशा में हरीश रावत को कार्य करना चाहिए। जिसके लिए घर घर जाकर लोगों से मिलकर पार्टी को मजबूत करना चाहिए।
यानी अब हरीश रावत के कार्यक्रम से उनकी पार्टी के अपने लोग ही सहज नहीं हो रहे हैं। फिर चाहे वह धरना प्रदर्शन हो या फिर आम पार्टी।