रुद्रप्रयाग (रोहित डिमरी)
कालीमठ घाटी में वन्य जीवों की अवैध तस्करी का मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास गुलदार की खाल के साथ ही भालू की पित्तियां बरामद की गई हैं। इनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज दर्ज कर जेल भेज दिया है।
दरअसल, वन विभाग को सूचना मिली की कालीमठ घाटी के घघली पुल के पास वन्य जीवों की खरीद फरोख्त की जा रही है, जिसके बाद प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान द्वारा उप प्रभागीय वनाधिकारी महिपाल सिंह सिरोही के नेतृत्व में वन रेंज अगस्त्यमुनि व गुप्तकाशी यूनिट के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ टीम गठित की गई। टीम ने गुप्तकाशी-कालीमठ मोटरमार्ग के घघली पुल के पास घेराबंदी कर दी। इसके बाद बैडोला गांव की तरफ से दो व्यक्ति टीम को आते हुए दिखाई दिये। दोनों व्यक्तिों के पास एक-एक प्लास्टिक का बोरा था। संदेह के आधार पर टीम ने उन्हें रोका और पूछताछ शुरू की। जब इनके सामान की तलाशी ली गई तो चन्दू लाल पुत्र मूल्या लाल ग्राम राऊलैंक तहसील ऊखीमठ के पास थैले से गुलदार की दो खालें बरामद की गई, जबकि जैकेट के जेब में भालू की पित्तियां बरामद की गई। दूसरे व्यक्ति वीरेन्द्र लाल पुत्र थेपरू लाल ग्राम राऊलैंक के पास भी दो गुलदार की खाले मिली। कुल मिलाकर चार गुलदार की खालें और तीन भाूल की पित्तियां दोनों व्यक्तिों के पास पाई। पूछताछ में मुख्य आरोपी ने बताया कि वह इन खालों व भाूल की पित्तियों को अपने गांव के नजदीकी जंगल राऊलैंक से लाये हैं। वन विभाग द्वारा वन्यजीवों के अंगों की बरामदगी होने पर वन क्षेत्राधिकारी शिव प्रसाद गैरोला ने दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।