जयपुर। नागौर में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल का के एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग कर रहे राजपूत फिर भड़क गए। इसके बाद हुई हिंसा और फायरिंग में 1 व्यक्ति की मौत हो गई है वहीं 14 पुलिसर्मियों समेत 20 लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आगजनी कर दी। इसके बाद इलके में कर्फ्यू लगा दिया गया है साथ ही हालात को काबू करने के लिए भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। इस सब के चलते आनंदपाल का अंतिम संस्कार बुधवार को 18वें दिन भी नहीं हो सका।
खबरों के अनुसार आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आनंदपाल के परिजनों और राजपूत समाज की समझौता वार्ता बुधवार देर रात तक जारी रही। दिनभर राजपूत नेताओं और आनंदपाल के परिजनों के भाषणों का दौर चला। लेकिन अचानक रात 8 बजे राजपूत समाज के लोग उग्र हो गए और नागौर के पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख के वाहन पर फायरिंग कर दी, इसमें 14 सिपाहियों के घायल होने की सूचना है।
आपको बता दें कि करीब डेढ साल फरार रहने के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के परिजन एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं। वे एनकाउंटर की जांच सीबीआई से करवाने सहित चार अन्य मांगे पूरी न होने तक, आनंदपाल सिंह का अन्तिम संस्कार न करने पर अडिग हैं।
वहीं राजस्थान सरकार के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए कहा कि मानवाधिकार आयोग ने आदेश दिया कि आनंदपाल के शव का दाह संस्कार 24 घंटे में किया जाना चाहिये। लेकिन आनंदपाल के परिजन व उसके समर्थक श्रृद्धांजलि के दौरान मामले की सीबीआई जांच को लेकर भड़क गए। जिसके कारण मामले ने हिंसक रूप ले लिया।
गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि जो भी एनकाउंटर हुआ है वह सत-प्रतिशत प्रमाणिक है। उनका कहना है कि उनके परिजन जिससे चाहे जांच करवा सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि परिजनों द्वारा 24 घंटे में दाह संस्कार नहीं किया जाता है तो राज्य सरकार इस मसले पर बैठ कर तय नई रणनीति करेगी।