चंडीगढ़ : बलात्कार के दो मामलों में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहे डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामलों में सुनवाई हुई। 50वर्षीय गुरमीत को सुनवाई के लिए सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया। सुरक्षा के लिहाज से पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ियों को तैनात किया गया।
राम रहीम के ड्राइवर रह चुके खट्टा सिंह ने सरकारी गवाह बनने का फैसला लिया है। उसने वकील के जरिए सीबीआई कोर्ट में खट्टा सिंह ने गवाही के लिए एप्लीकेशन दाखिल की है। ये वही खट्टा सिंह है, जो 2012 में राम रहीम के खिलाफ गवाही से पलट गया था।
सीबीआई अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामलों की सुनवाई की। हत्या के लिए उम्रकैद या मृत्युदंड का प्रावधान है।
छत्रपति अपने न्यूज पेपर “पूरा सच” में डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ खबरें देते थे। डेरा में साध्वियों के यौन शोषण का खुलासा सबसे पहले इसी न्यूज पेपर ने किया था। ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता था। आरोप है राम रहीम के खिलाफ खबरें छापने की वजह से डेरा के दो शूटर ने 24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को 5 गोलियां मारी थीं।
दूसरा मामला डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है जिनकी 2002 में हत्या हुई थी। अज्ञात पत्र को प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या की गई थी।