गावों को नगर निगम में शामिल करने से पहले ही त्रिस्तरीय पंचायत गांवों बचाओं संर्घष समिति का हल्ला बोल

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आज त्रिस्तरीय पंचायत गांवों बचाओं संर्घष समिति का गठन किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायत गांवों बचाओं संर्घष समिति ने हैलो उत्तराखण्ड न्यूज से बात करते हुए कहा कि गावों कों नगर निगम में शामिल करना एक षडयंत्र का हिस्सा है। जिस उद्देश्य के साथ गावों को नगर निगम में जोडने की बात की जा रही है, दरअसल वह सारी मूलभूत आवश्यकताएं वहां पर पहले से ही मौजूद है

समाज कल्याण विभाग की कल्याणकारी योजना का लाभ ग्राम पंचायत के पास सुरक्षित है, व्यक्तिव शौचालय का निर्माण, उज्जवला योजना के सुपात्र व्यक्ति को योजना का लाभ, ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना, गोबर गैस प्लांट, पशुधन विकास फल उत्पाद, इत्यादि योजना का लाभ अतिशीघ्र दिला कर गरीब व्यक्तियो के जीवन स्तर के बदलने का कार्य ग्राम पंचों द्वारा किया जाता है, इसके अलावा और भी अन्य सुविधाओं पर गावों पंचायत विकास में लगा है।

प्रेसवार्ता के दौरान त्रिस्तरीय पंचायत गांवों बचाओं संर्घष समिति ने जनपद के गावों को नगर निगम से सम्मिलित करने का तीव्र विरोध करते हुए कड़ी निन्दा की।
उनका कहना है कि इस षडयंत्र के विरोध में 5 जून 2017 को कचहरी में शहीद मार्गस्थल पर 50 गावों,  40 क्षेत्र पंचायत और 7 जिला पंचायत अनिश्चित कालीन धरना प्रर्दशन शुरू करेगें और फिर भी मांगें पूरी ना हुई तो सडक पर आक्रोश रैली निकाली जाएगी।

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