नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्टोन क्रेशरों व सरकार को बड़ी राहत देते हुए अपने पूर्व आदेश को संसोधित किया है।
मुख्य न्यायधीश के0एम जोसफ व न्यायधीश आलोक सिंह की खण्डपीठ ने 5 किमी. के दायरे में खनन पर लगी रोक हटा दी है। साथ ही स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश को भी हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। कोर्ट राज्य सरकार की पॉलिसी के अनुसार ही खनन कार्य होगा।
पूर्व में हरिद्वार निवासी पवन कुमार सैनी ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि गंगा नदी के 5 किलोमीटर के दायरे में खनन कार्य करने व स्टोन क्रेशर लगाने की अनुमति नही दी जानी चाहिए। जिसमें सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायपुर से लेकर जगजीतपुर हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे लगे स्टोन क्रेशर और खनन कार्य पर रोक लगा दी थी।
3 मई 2017 को केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड ने इस आदेश का पालन कराने के लिए मुख्य सचिव को कहा था लेकिन फिर भी आदेश का पालन नहीं किया गया। आदेश का पालन न होने पर हरिद्वार मातृसदन ने हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी जिस पर पूर्व में कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर मुख्य सचिव से जवाब तलब किया था। जिस पर मुख्य सचिव ने जवाब में 24 अगस्त 2017 को बताया कि रायपुर से जगजीतपुर तक सभी स्टोन क्रेशर व खनन कार्य बंद कर दिया गया है।
इस आदेश पर स्टोन क्रेशर मालिक और सरकार ने हाई कोर्ट में रिब्यू ऍप्लिकेशन खण्डपीठ में दाखिल की थी। रिब्यू ऍप्लिकेशन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की पॉलिसी के मुताबिक ही खनन होगा।